समाज को शिक्षित करने के लिए छोड़ दी प्रधानी
मंडी धनौरा कहते हैं कि शिक्षा विकास की कुंजी है। इस कहावत को गांव कलाली निवासी नीतू ने साबित किया है।
मंडी धनौरा : कहते हैं कि शिक्षा विकास की कुंजी है। इस कहावत को गांव कलाली निवासी नीतू सिंह के पूरे परिवार ने चरितार्थ किया है। शिक्षा के सहारे पहले नीतू ग्राम कलाली की सबसे कम उम्र की प्रधान बनीं। इस दौरान भी उन्होंने अपनी पढ़ाई लिखाई का क्रम नहीं छोड़ा। उन्होंने अपनी पढ़ाई के सहारे ही हाल में शिक्षक के रूप में एक प्राथमिक स्कूल में तैनाती पाई है। समाज का शिक्षित करने के लिए प्रधानी छोड़ दी। उधर उनके पति, दो देवर व ससुर भी पढ़ाई के बल पर सरकारी नौकरी मे हैं। पढ़ाई लिखाई के बल पर सरकारी नौकरी तक पहुंचने वाला परिवार क्षेत्र में इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
शिक्षा के सहारे विकास की राह संभव है। इस सच्चाई को गांव कलाली का एक परिवार चरितार्थ कर रहा है। इस गांव के रहने वाले कैलाश सिंह ने अपनी पढ़ाई लिखाई के बल पर सिचाई विभाग में नलकूप चालक की नौकरी पाई। साथ ही बच्चों को शिक्षा से जोड़ा। इसके बाद उनके पुत्र पवन कुमार ने शिक्षा के दम पर ही बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी पाई। वर्तमान में वह ब्लॉक संसाधन केंद्र पर एआरपी के पद पर कार्यरत हैं।
उधर उनकी पत्नी नीतू सिंह हाल तक गांव की प्रधान रही लेकिन उन्होंने पढ़ाई लिखाई नहीं छोड़ी, वह सरकारी नौकरी की तैयारी करती रही। इसके बल पर हाल में ही उनका बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक के रूप में चयन हुआ। इसके बाद उन्होंने प्रधानी के पद से इस्तीफा दे दिया। कैलाश सिंह के बड़े पुत्र संजीव कुमार गन्ना विभाग में गन्ना पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत है। इन दिनों उनकी नौकरी मेरठ में चल रही है। उन्होंने भी शिक्षा के सहारे यह मुकाम हासिल किया है। उनकी पत्नी डिपल भी पुलिस विभाग में गौतम बुद्ध नगर में कार्यरत हैं। जबकि उनका दूसरा पुत्र सुरेंद्र पुलिस महकमे में ही सीतापुर में कार्यरत हैं।
परिवार के सभी सदस्यों ने शिक्षा के बल पर यह मुकाम हासिल किया है। इस परिवार के सभी सदस्य सरकारी नौकरी पर कार्यरत हैं। परिवार की सफलता को लेकर क्षेत्र में चर्चा होती है। कैलाश सिंह ने बताया कि उन्होंने शुरू से ही परिवार में शिक्षा को तरजीह दी है। उनके बच्चों ने भी पढ़ाई को विकास के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। पढ़ाई लिखाई के सहारे ही आत्मनिर्भर बना जा सकता है।