सात जिलों में अलर्ट, सो रहा तहसील प्रशासन
गजरौला मंडी धनौरा तहसील के दर्जनों गांव पानी की मुसीबत में घिर गए हैं।
गजरौला : मंडी धनौरा तहसील के दर्जनों गांव पानी की मुसीबत में घिर गए हैं। घरों की चौखट तक पानी पहुंचने को तैयार है। सड़कों पर कई-कई फीट पानी भरा है। आवागमन तक ठप हो गया है। ऐसी स्थिति की आशंका जताते हुए सात जिलों में अलर्ट घोषित कर दिया गया था। इसके बावजूद तहसील प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। एसडीएम बाहर गए हुए हैं। तहसीलदार ने एक भी गांव का दौरा करने की जरूरत नहीं समझी।
उत्तराखंड व उत्तर-प्रदेश में प्राकृतिक आपदा को लेकर शासन तक चितित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार आपदा का इनपुट ले रहे हैं। 17 व 18 अक्टूबर को मूसलाधार बारिश होने के बाद खादर क्षेत्र में फैली मुसीबतों का जायजा लेने के लिए स्थानीय अधिकारी नहीं पहुंचे हैं। दीगर बात यह है कि जल्दी से तहसील के अधिकारी फोन तक नहीं उठाते हैं। ऐसे में यदि कोई अनहोनी हो जाए तो उससे कैसे निपटा जाएगा।
एसडीएम मांगेराम चौहान ने बताया कि वह दो दिन के लिए बाहर गए हुए हैं। तहसील का प्रभार किसके पास है, इसकी भी जानकारी नहीं है। उधर, तहसीलदार अर्चना शर्मा ने बताया कि बारिश से हुई परेशानी पर नजर रखने के लिए लेखपालों को अलर्ट किया गया है। पूरी तरह से नजर बनाए हैं। गांवों का जायजा लिया जाएगा। कटान रोकने के लिए ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
गजरौला : जलस्तर बढ़ने के बाद तिगरी गंगा कटान कर रही है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों की खेती को भी नुकसान पहुंच रहा है। इस क्रम में बुधवार को गांव सिहाली मेव के ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर प्रशासन से कटान रोकने के इंतजाम करवाने की मांग उठाई है। प्रदर्शन करने वाले ग्रामीणों ने कहा है कि अधिकारी समय से पहुंचकर स्थिति का जायजा लें और ग्राम वासियों के बीच पहुंचकर उनसे वार्ता करें। चूंकि गांव में डर का माहौल बना है। लगातार गंगा कटान कर रही है। खेत गंगा में समा रहे हैं। खड़ी फसल को गंगा काट रही है और जिला प्रशासन कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है। प्रदर्शन करने वालों में अलाउद्दीन, साइमुद्दीन, अनवार अली, निसार,उद्दीन, इमरान मेव आदि लोग मौजूद रहे।