गंगा में बढ़ रहा पानी, शहर के लोग तरस रहे बारिश को
गजरौला गंगा नदी में बिना बरसात के पानी लगातार बढ़ रहा है। आसपास के लोग बाढ़ की आंशका से परेशान हैं।
गजरौला : गंगा नदी में बिना बरसात के पानी लगातार बढ़ रहा है। आसपास के लोग बाढ़ की आंशका को लेकर परेशान हैं। चूंकि उन्हें हर साल ही इससे दो चार होना पड़ता है। दूसरी तरफ शहर के लोग बारिश को तरस रहे हैं। चूंकि यहां कभी धूप की तपिश वाली गर्मी तो कभी उमस वाली गर्मी सता रही है। बादल घिर रहे हैं, लेकिन अधिकांश बार बिन बरसे ही गुजर जा रहे हैं।
15 जून से मानसून का मौसम माना जाता है। मौसम विभाग भी कई बार भारी वर्षा की चेतावनी जारी कर चुका है, लेकिन यहां मैदानी क्षेत्र तो अभी धूप की तपिश से ही तप रहा है। तापमान यहां हल्का पड़ने को तैयार नहीं है। लगभग हर रोज ही आसमान में बादल घिर कर आते हैं। काली घटा तक छा जाती है। लगता है झमाझम बारिश पड़ने वाली है लेकिन बादल अधिकांश बार यूं ही निकल जाते हैं। कई बार मामूली बूंदे गिरकर ही बंद हो जाती है।
रविवार की सुबह में बादल घिरने पर थोड़ी बारिश पड़ी फिर बंद हो गई। उसके कुछ देर बाद उमस भरी गर्मी हो गई। इससे देरशाम तक लोग दो चार होते रहे। इसके विपरीत गंगा में जलस्तर बढ़ने का सिलसिला जारी है। बिना बरसात गंगा में जलस्तर बढ़ने की वजह यह है कि हरिद्वार व बिजनौर बैराज से पानी छोड़ा जाता है, जो गंगा नदी में पहुंचने पर जलस्तर बढ़ता चला जाता है। इसी कारण यहां जलस्तर बढ़ रहा है।
हालांकि अभी गंगा की गेज में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है। गेज अभी 199.50 पर ही है लेकिन बैराज से छोड़े जाने वाली पानी की वजह से गंगा का दायरा फैल रहा है। कम पानी की वजह गंगा ने जो स्थान छोड़ दिया था, वहां फिर पानी भरने लगा है। ऐसे स्थानों पर कुछ किसानों ने फसल लगा रही है। उन्हें अब अपनी खेती बाढ़ के पानी से खराब होने का डर सता रहा है।
शीशो वाली के भूप सिंह, राजू, दीपू इत्यादि ने बताया कि अभी बाढ़ के हालात तो नहीं लग रहे हैं, लेकिन रामगंगा पोषक नहर का बहाव पहले की अपेक्षा तेज है। बाढ़ नियंत्रण खंड के अभियंता प्रदीप कुमार ने बताया कि गंगा में जलस्तर बिजनौर बैराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण बढ़ रहा है।