पोस्ट ग्रेजुएट होकर विनोद ने जलाई शिक्षा की मशाल

हसनपुर तहसील मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूर सम्भल मार्ग पर स्थित ईसापुर शर्की अब मिसाल है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 07:26 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 07:26 PM (IST)
पोस्ट ग्रेजुएट होकर विनोद ने जलाई शिक्षा की मशाल
पोस्ट ग्रेजुएट होकर विनोद ने जलाई शिक्षा की मशाल

हसनपुर : तहसील मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूर सम्भल मार्ग पर स्थित ईसापुर शर्की गांव में वर्ष 2000 के बाद शिक्षा के ऐसी क्रांति आई कि युवाओं में शिक्षित होकर एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ लग गई। गांव के 50 से अधिक युवक उच्च शिक्षित होकर सरकारी मुलाजिम बन गए हैं।

गांव में शिक्षा की क्रांति लाने वाले सूत्रधार हैं विनोद कुमार गौतम। 10 अप्रैल 1977 को किसान मुरारी सिंह के घर जन्मे विनोद कुमार गौतम ने वर्ष 1999 में गांव में सबसे पहले पोस्ट ग्रेजुएट तक शिक्षा ग्रहण करने का गौरव हासिल कर शिक्षा की ऐसी मशाल जलाई कि युवाओं में शिक्षा के प्रति क्रांति आ गई। विनोद कुमार गौतम शिक्षा ग्रहण करने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक बन गए और उनकी प्रेरणा से गांव में 50 से अधिक युवा उच्च शिक्षा हासिल कर बैंक, रेलवे, एजुकेशन, पुलिस, बीएसएफ, सीआईएसएफ आदि में सरकारी नौकरी हासिल कर चुके हैं। जबकि, दर्जनों युवा उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शिक्षा की क्रांति से अपराधों पर भी लगा अंकुश

करीब 800 मतदाताओं वाले ईसापुर शर्की गांव में शिक्षा की क्रांति आने पर अपराधों पर भी अंकुश लगा है। गांव की पूर्व प्रधान रजनी देवी के मुताबिक 2000 के दशक से पूर्व गांव में पांच हिस्ट्रीशीटर थे। लेकिन, लोगों के शिक्षित होने से अपराधों में भी कमी आई है वर्तमान में गांव में केवल दो हिस्ट्रीशीटर हैं। गांव के लोग शिक्षा एवं विकास की तरफ चल रहे हैं आपस में मुकदमे बाजी न के बराबर है। निरक्षर मां के बेटे ने जलाई शिक्षा की मशाल

विनोद कुमार गौतम के पिता मुरारी सिंह कक्षा पांच तक पढ़े हुए हैं। जबकि माता रामवती निरक्षर हैं। मुरारी सिंह भले ही कम पढ़े लिखे हैं लेकिन, उन्हें घर में किताबे रखने का शौक रहा है। कक्षा पांच में पढ़ते हुए विनोद कुमार गौतम ने संविधान के निर्माता डॉ भीमराव आंबेडकर की कहानी पुस्तकों में पढ़ी तथा उच्च शिक्षा हासिल करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने खुद शिक्षित होने पर गांव के युवाओं को लंबे समय तक कोचिग देने के साथ-साथ आगे बढ़ने के लिए उनका मार्गदर्शन भी किया। ईसापुर शर्की थाने का शांतिप्रिय गांव है। यहां के लोग बच्चों को शिक्षा दिलाने एवं उनके विकास में लगे हैं। गांव में झगड़े फसाद न के बराबर हैं। थाने के रिकॉर्ड में दो हिस्ट्रीशीटर हैं।

राजीव कुमार शर्मा, थाना प्रभारी, सैदनगली।

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