संदिग्ध परिस्थितियों में ग्राम विकास अधिकारी की मौत
गजरौला : संदिग्ध परिस्थितियों में ग्राम विकास अधिकारी की मौत हो गई। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए
गजरौला : संदिग्ध परिस्थितियों में ग्राम विकास अधिकारी की मौत हो गई। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। स्वजनों द्वारा जहरीला पदार्थ खिलाने की आशंका जताई जा रही है।
गांव मुंडा मुकारी निवासी 50 वर्षीय महिपाल सिंह गजरौला ब्लॉक में ग्राम विकास अधिकारी थे। वह परिवार के साथ मुहल्ला टीचर्स कॉलोनी में रहते थे। वहीं मुहल्ला आजाद नगर में निजी दफ्तर है। रविवार की शाम साढे़ छह बजे वह निजी दफ्तर पर बेहोशी की हालत में पड़े थे। इसकी जानकारी मिलने पर पुत्र दीपांशु पहुंचा और ई रिक्शा से लेकर उन्हें घर आया।
यहां के बाद हाईवे किनारे स्थित एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां पर भर्ती करने से मना होने पर स्वजन मुरादाबाद के साईं अस्पताल में ले गए। वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। स्वजनों ने बताया उनके मुंह से जहरीली दवा जैसी दुर्गंध आ रही थी। इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी। सोमवार को पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्रभारी निरीक्षक आरपी शर्मा ने बताया पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा।
डिडौली निवासी विजेंद्र सिंह के रूप में हुई शिनाख्त
जोया : तीन दिन पहले हाईवे पर पुलिस चौकी के सामने मिले युवक की शिनाख्त हो गई है। मृतक डिडौली का रहने वाला निकला। इंटरनेट मीडिया पर फोटो देख कर स्वजन सोमवार को मोर्चरी पहुंचे। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
शनिवार को जोया में पुलिस चौकी के सामने निर्माणधीन पुल के पास युवक को बेहोशी की हालत में देख कर लोगों ने पुलिस को सूचना दी। चौकी प्रभारी पवन पाठक ने युवक को कस्बे के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया वहां युवक की मौत हो गई। मृतक की शिनाख्त नहीं हो सकी थी। पुलिस मृतक को विक्षिप्त बता रही थी।
सोमवार को मृतक की शिनाख्त डिडौली निवासी विजेंद्र सिंह के रूप में हुई। स्वजनों ने इंटरनेट मीडिया पर उसके फोटो देख कर शिनाख्त की। रोते-बिलखते स्वजन मोर्चरी पहुंच गए। मृतक के भाई उदयवीर सिंह ने बताया कि तीन साल से विजेंद्र की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। वह अक्सर घर से चले जाते थे तथा खुद ही लौट आते थे। बताया संभवत ठंड लगने से उनकी मौत हुई है। पोस्टमार्टम के बाद स्वजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया।