अमरोहा में कमीशनखोरी के खेल में कुरेदे जा रहे घायलों के जख्म

हाईवे पर बाइक सवार मुहल्ला बस्ती निवासी मोनू पुत्र नन्हें सिंह व जनपद सम्भल के ईसापुर सुनवारी गांव के रणवीर पुत्र राजपाल समेत तीन लोगों को गांव यकबगड़ी के पास अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। जिससे वह घायल हो गए। हादसे होने के बाद सरकारी एंबुलेंस को भी सूचना दी गई लेकिन सरकारी एंबुलेंस के पहुंचने से पहले ही एक निजी एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंच गई और दो घायलों को उठाकर सीएचसी लेकर आई गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 12:25 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 12:25 AM (IST)
अमरोहा में कमीशनखोरी के खेल में कुरेदे जा रहे घायलों के जख्म
अमरोहा में कमीशनखोरी के खेल में कुरेदे जा रहे घायलों के जख्म

अमरोहा, जेएनएन। औद्योगिक नगरी के सरकारी अस्पताल में निजी एंबुलेंस चालकों का बोलबाला है। स्वास्थ्य विभाग भी सिर्फ मूकदर्शक बनकर रह गया है। हादसे में घायल हुए व्यक्ति को सीएचसी में उल्टा-सीधा मरहम पट्टी कर चलता कर देते हैं और फिर निजी एंबुलेंस चालक उसे कमीशनखोरी के चक्कर में निजी अस्पतालों में भर्ती करवा देते हैं। कुल मिलाकर कमीशनखोरी के इस खेल में घायलों की जख्म और गहरे हो जाते हैं।

गुरुवार की रात कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। हाईवे पर बाइक सवार मुहल्ला बस्ती निवासी मोनू पुत्र नन्हें सिंह व जनपद सम्भल के ईसापुर सुनवारी गांव के रणवीर पुत्र राजपाल समेत तीन लोगों को गांव यकबगड़ी के पास अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। जिससे वह घायल हो गए। हादसे होने के बाद सरकारी एंबुलेंस को भी सूचना दी गई लेकिन, सरकारी एंबुलेंस के पहुंचने से पहले ही एक निजी एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंच गई और दो घायलों को उठाकर सीएचसी लेकर आई गई। खास बात है कि इन घायलों के अस्पताल पहुंचने से पहले ही कई निजी एंबुलेंस सीएचसी परिसर में घुसकर उन्हें ले जाने के लिए तैयार होकर खड़ी हो गईं। घायल आए और एंबुलेंस चालक उन्हें अपनी-अपनी एंबलुेंस से जाने की जुगत में जुट गए। घायलों के तीमारदारों से ज्यादा एंबुलेंस चालकों की भीड़ हो गई। खैर, एक घायल को 108 एंबुलेंस के माध्यम से भेजा गया। बाकी दो को निजी एंबुलेंस वाले ले गए। हादसे में घायल के दर्द और मजबूरियों को देखकर भी इनका दिल नहीं पिघलता है। यहां से लेक जाकर मेरठ के निजी अस्पताल में भर्ती करवाते हैं और अपना कमीशन लेकर फिर लौट आते हैं। वहां के अस्पताल में उपचार के नाम पर मोटा बिल बनाकर मरीज के हाथ में थमाया जाता है।

--------- गठजोड़ से चल रहा कमीशनखोरी का खेल, मेरठ में होती मरीजों से लूट

औद्योगिक नगरी में निजी एंबुलेंस चालकों की कमीशनखोरी का खेल गठजोड़ से चल रहा है। इसमें न सिर्फ चालक संलिप्त हैं बल्कि स्वास्थ्य विभाग की भूमिका भी संदिग्ध है। सरकारी एंबुलेंस का स्टाफ भी शक के दायरे में है। चूंकि हादसा होने के बाद सरकारी एंबुलेंस से पहले निजी का पहुंचना फिर अस्पताल में आने पर एक साथ कई निजी एंबुलेंस का पहुंचना जैसी बातें कहीं न कहीं गठजोड़ होने की आशंका को जन्म देती है। इतना ही नहीं अस्पताल के गेट पर हर वक्त कोई न कोई निजी एंबुलेंस खड़ी रहती है। यहां से मरीज को ले जाकर मेरठ में भर्ती कराया जाता है। वहां पर मरीज से उपचार के नाम पर लूट की जाती है।

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स्वजन नहीं बल्कि निजी अस्पताल की कर्मी निकली युवती

गुरुवार की रात हुए हादसे के बाद एक युवती दोनों घायलों के साथ निजी एंबुलेंस में सवार होकर सीएचसी पहुंची। यहां पर वह घायलों के आगे-पीछे घूमकर फोन पर घायलों के बारे में जानकारी दे रही थी। हर कोई उसे घायल का स्वजन मान रहे थे। लेकिन, जब निजी एंबुलेंस पहुंची और वह घायल को उस एंबुलेंस में बैठाने के लिए दबाव बनाते हुए नजर आई तो पता चला कि वह अतरासी के किसी निजी अस्पताल की कर्मी है और वह अपने अस्पताल में ले जाना चाहती है। हालांकि जब टोकाटाकी हुई तो वह कार में सवार होकर चली गई।

----- गजरौला में निजी एंबुलेंस चालक का मामला संज्ञान में नहीं है। कुछ दिनों पूर्व ही चार्ज संभाला है। इस प्रकरण के बारे में जानकारी कर जांच कराई जाएगी। डॉ. संजय अग्रवाल, सीएमओ, अमरोहा।

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