शिक्षक ने निजी कोष से विद्यालय को बनाया चमन
हसनपुर इसे कहते हैं पर्यावरण के प्रति सच्चा प्रेम! शिक्षक ने अपने वेतन की धनराशि से स्कूल चमन बना दिया।
हसनपुर : इसे कहते हैं पर्यावरण के प्रति सच्चा प्रेम! शिक्षक ने अपने वेतन की धनराशि से परिषदीय विद्यालय में विभिन्न प्रजातियों के करीब 150 पौधे रोपित कर हरा भरा चमन बना दिया है। विद्यालय में पहुंचकर ऐसा प्रतीत होता है कि किसी बड़े अफसर के बंगले पर आए हैं।
हम बात कर रहे हैं पतित पावनी गंगा मैया के तटबंध किनारे के गांव अल्लीपुर खादर के कम्पोजिट विद्यालय की। विद्यालय में दिसंबर 2009 से हसनपुर के मुहल्ला राजपूत कालोनी निवासी शिक्षक होमपाल सिंह प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात हैं। होमपाल सिंह का कहना है कि जब वह विद्यालय में गए थे वहां पर मात्र आठ बच्चे अध्ययनरत थे। विद्यालय परिसर में पशु चरने से कोई पौधा नहीं था।
इसपर उन्होंने विद्यालय को आदर्श बनाने की मन में ठान ली। मेहनत से अल्लीपुर खादर तथा आसपास के गांवों में अभिभावकों से संपर्क कर पहले छात्र संख्या बढ़ाते हुए 339 तक पहुंचाई। इसके साथ ही अपने वेतन की धनराशि से पौधे खरीदकर व्यवस्थित ढंग से रोपित करने शुरू किए। इस समय विद्यालय में करीब 150 पौधों का हरा भरा चमन बन गया है।इसे देखकर बाहर से आने वालों का दिल खुश हो जाता है। बाहर से आने वालों को कुछ देर तो यह समझ में नहीं आता कि परिषदीय विद्यालय है या किसी अफसर का बंगला है। पेड़ पौधों की देखरेख वह स्वयं करते हैं। खुश्की के मौसम में वह अवकाश होने के बावजूद भी पौधों की देखरेख व सिचाई करने स्कूल पहुंच जाते हैं। विद्यालय में इन प्रजातियों के लगे हैं पेड़
कम्पोजिट विद्यालय अल्लीपुर खादर में यूकेलिप्टिस, पाम, हैज, अर्जुन, जामुन, नीम, गुड़हल, गुलाब, चमेली, चंपा आदि फूलदार व छायादार के साथ अधिक आक्सीजन देने वाले पौधे मौजूद हैं। शिक्षा की गुणवक्ता में भी विद्यालय आगे
कम्पोजिट विद्यालय अल्लीपुर खादर शिक्षा की गुणवक्ता में भी आगे है। शिक्षा बेहतर होने की वजह से इस विद्यालय में अल्लीपुर खादर के अलावा अल्लीपुर मिलक, लुहारी खादर, सतैड़ा, मटैना तथा करनखाल गांव के छात्र छात्राएं भी शिक्षा ग्रहण करने पहुंचते हैं।