गंगानगर वासियों को सता रहा गंगा का डर, कटान से बढ़ी बेचैनी
रूखालू गंगानगर गांव के नजदीक गंगा के कटान करने से ग्रामीण भयभीत हैं।
रूखालू : गंगानगर गांव के नजदीक गंगा के कटान करने से ग्रामीण भयभीत हैं। मकान व पशुओं को सुरक्षित रखने की ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं। पिछले कई दिन से भारी वर्षा एवं पहाड़ी जलाशयों से पानी छोड़े जाने से गंगा में उफान आ रहा है।
हसनपुर क्षेत्र में जयतोली ग्राम पंचायत का मझरा गंगानगर गंगा के टापू पर बसा है। गांव की आबादी एक हजार से अधिक है। गंगा फसलों का तेजी से कटान करते हुए गांव की तरफ बढ़ रही है। ग्रामीणों के मुताबिक गांव और गंगा के बीच महज डेढ़ सौ मीटर का फासला रह गया है। उधर, गन्ना एवं धान की फसल इन दिनों किसानों के खेतों में तैयार लहलहा रही है, गंगा के कटान से गन्ना व धान की फसल गंगा में समा रही है। लौकी, तुरई व भिडी आदि की पालेज को लोग कटान के डर से समेट रहे हैं। खेतों में खड़ी ईख को काटकर पशुओं को खिलाया जा रहा है।
उधर सूचना मिलने पर उपजिलाधिकारी संजय बंसल ने बाढ़ चौकियों व गंगा क्षेत्र में तैनात लेखपालों को अलर्ट कर दिया है। एसडीएम ने लेखपाल को भेजकर रिपोर्ट मांगी है। रात को कानों में गूंज रही कटान की आवाज
हसनपुर : गांव के नजदीक गंगा के कटान करने से लोग इतने भयभीत हो रहे हैं कि रात को नींद भी नहीं आ रही है। गंगानगर निवासी किसान प्रेमदेव, दिनेश, जयचंद, पीतम व महेश बताते हैं कि गांव में करीब सौ परिवार रहते हैं। रात को गंगा के कटान की आवाज कानों में गूंजती रहती है। गांव के गंगा में समाने का डर हर किसी के सिर पर सवार है।
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गंगानगर गांव के नजदीक गंगा द्वारा फसलों का कटान करने तथा गंगानगर गांव के नजदीक गंगा के पहुंच जाने की सूचना मिलते ही लेखपाल को गांव भेजा गया है। लोगों को अपने पशुओं समेत सुरक्षित रहने की हिदायत दी गई है। लेखपाल से गंगा के हालात की रिपोर्ट मांगी गई है।
- संजय बंसल, उपजिलाधिकारी हसनपुर।
-------------- तिगरी गंगा में भी छोड़ा गया 54 हजार क्यूसेक पानी, गेज स्थिर
गजरौला : बिजनौर बैराज से शनिवार को फिर से तिगरी गंगा में 54 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। हालांकि गंगा का गेज स्थिर 199.90 पर चल रहा है। बता दें कि पिछले कई दिनों से तिगरी गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है और बिजनौर बैराज से पानी छोड़ने का क्रम भी जारी है। शनिवार को छोड़े गए पानी का असर देररात तक देखा जाएगा। जेई अनवार अली ने बताया कि पानी छोड़ा जा रहा है लेकिन, गंगा का गेज स्थिर है।