सेवानिवृत्ति के बाद पढ़ा रहे लालच में वोट न देने का पाठ

गजरौला : खंड विकास क्षेत्र के गांव नगला माफी के चंद्रपाल सिंह मेरठ के राजकीय इंटर कालेज से सेवानिवृत

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 06:15 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 06:15 PM (IST)
सेवानिवृत्ति के बाद पढ़ा रहे लालच में वोट न देने का पाठ
सेवानिवृत्ति के बाद पढ़ा रहे लालच में वोट न देने का पाठ

गजरौला : खंड विकास क्षेत्र के गांव नगला माफी के चंद्रपाल सिंह मेरठ के राजकीय इंटर कालेज से सेवानिवृत्त अध्यापक हैं। सेवानिवृत्त होने के बाद आराम करने के बजाए अब बड़ों को पाठ पढ़ा रहे हैं। समझाते हैं नशा नहीं करना चाहिए। लालच में आकर वोट नहीं देने चाहिए। वहीं वह पंचायत चुनाव में मैदान में उतरने वालों से बात करके उन्हें चुनाव में शराब इत्यादि का प्रलोभन देकर मतदाताओं को रिझाने के प्रयास न करने को भी प्रेरित करते हैं। बीस गांवों के लोग उन्हें लिखकर भी दे चुके हैं।

रिटायर अध्यापक चंद्रपाल सिंह का काफी समय मेरठ में बीता। वह वहां राजकीय इंटर कालेज में बतौर सहायक अध्यापक तैनात थे। रिटायर होने के बाद यहां आ गए। जुलाई 20 में मेरठ के दोहटा ब्लाक के गांव डूंगर में हादसा हुआ था। शराब पीने से कई लोगों की जान चली गई। मीडिया में आई खबरों को पढ़कर उनको गहरा धक्का लगा कि आज भी हमारे समाज में कितनी कुरीतियां हैं कि शराब के सेवन से लोगों की जिदगी जा रही है। इसको लेकर उनके मन में जागरूकता की मुहिम छेड़ने का ख्याल आया।

इसे पूरा करने के लिए वह पहले असलियत जानने व विस्तृत जानकारी करने के लिए मेरठ के संबंधित गांव गए। लोगों से मिलकर उन्हें लगा जीवन खाली बैठकर गुजारने के बजाए समाज हित में काम किया जाए। इसके बाद उन्होंने गांव-गांव घूमकर शराब का सेवन नहीं करने का अभियान शुरू कर दिया। चूंकि निकट भविष्य में पंचायत चुनाव भी प्रस्तावित है। गांवों में इसको लेकर माहौल भी बन रहा है। लिहाजा रिटायर अध्यापक चंद्र पाल सिंह ने गांवों में गांव के प्रधानों व इस पद के लिए दावेदारी में जुटे लोगों से संपर्क स्थापित करना आरंभ कर दिया। इस दौरान वह सभी को जागरूकता का पाठ पढ़ाते हुए कहते हैं कि शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। खासतौर वोट देने व वोट लेने के लिए तो कतई शराब से बचना चाहिए। चूंकि शराब के सहारे चुनाव जीतने वाले विकास के वादे भूल जाते हैं। वह तिकड़मबाजी से अपना चुनावी खर्च पूरा करने में जुट जाते हैं। मतदाता अपनी समस्याओं के निदान को भटकने लगते हैं।

इसी तरह वह मिठाई, धन के प्रलोभन से भी बचने की सलाह देते हुए कहते हैं कि हमें अच्छी और सकारात्मक सोच को समझकर ही वोट देने का फैसला करना चाहिए। चुनाव में इसी सोच के साथ मैदान में उतरने का पाठ पढ़ा रहे हैं। इस तरह वह ग्राम अहरौला तेजवन, सलेमपुर गौसाई, कुमराला बहादुरपुर, अफजलपुर लूट, खादगूजर, ढ़किया भूड, छोया समेत बीच से अधिक गांवों में संपर्क कर दावेदारों व ग्रामीणों को अपना संदेश पहुंचा चुके हैं। वह बताते हैं कि कई लोगों ने उनकी मुहिम से प्रभावित होकर सराहना करते हुए चुनाव में इसका ध्यान रखने का आश्वासन दिया है

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