इमाम की शहादत का जिक्र सुन आंखें हुईं नम
एक मुहर्रम को अजाखानों में मजलिसों का आयोजन किया गया। जिसमें इमाम हुसैन पर कर्बला में बीती मुसीबतों का जिक्र सुनकर अजादारों की आंखें नम हो गयी।
अमरोहा : एक मुहर्रम को अजाखानों में मजलिसों का आयोजन किया गया। इनमें इमाम हुसैन पर कर्बला में बीती मुसीबतों का जिक्र सुनकर अजादारों की आंखें नम हो गई। शहर के सभी अजाखानों में मातमी धुन बजाई गई।
बुधवार को एक मुहर्रम के दौरान शहर के सभी अजाखानों में मजलिसों का दौर चला। इस दौरान मरसिया ख्वानी भी हुई। मुहल्ला काजीजादा स्थित अजाखाना चांद सूरज में आयोजित मजलिस में मरसिया तनवीर हसन व उनके साथियों ने पढ़ा। इसके बाद मजलिस को खिताब करते हुए इमदाद आब्दी ने इमाम हुसैन द्वारा कर्बला के मैदान में दी गयी कुर्बानी का जिक्र करते हुए बताया कि किस तरह यजीदी फौज ने उन पर पानी बंद कर दिया था। किस तरह कुफ्फार ने उनके छह माह के नन्हें बेटे अली असगर को शहीद किया।
नन्हें अली असगर की शहादत सुनकर मजलिस में मौजूद अजादारों की आंखों नम हो गयी। इसके अलावा मुहल्ला गुजरी, छज्जी, नक्शबी, सद्दो, अजाखाना मजापोता, दानिशदान, शफातपोता, बड़ा दरबार समेत नगर के सभी अजाखानों में मजलिस का आयोजन किया गया। दो मोहर्रम शनिवार को भी अजाखानों में मजलिसें होंगी। वहीं शहर के सभी अजाखानों में मातमी धुन भी बजाई गई।