एक दिन न्यायिक अभिरक्षा में रहे विवेचक, विभागीय जांच का आदेश

अमरोहा दहेज उत्पीड़न व दुष्कर्म के मामले में आरोपित पति ने अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया था।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 11:33 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 11:33 PM (IST)
एक दिन न्यायिक अभिरक्षा में रहे विवेचक, विभागीय जांच का आदेश
एक दिन न्यायिक अभिरक्षा में रहे विवेचक, विभागीय जांच का आदेश

अमरोहा : दहेज उत्पीड़न व दुष्कर्म के मामले में आरोपित पति द्वारा अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल करने के बाद भी विवेचक द्वारा उसे गिरफ्तार कर लिया गया। साथ ही दो बार तलब किए जाने के बाद भी अदालत में केस डायरी के साथ उपस्थित न होने पर विवेचक को एक दिन की न्यायिक हिरासत में रखा। साथ ही अदालत ने आदेश की अवहेलना का दोषी मानते हुए विवेचक के खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया है।

यह मामला रहरा क्षेत्र के एक गांव का है। यहां रहने वाली युवती की शादी रजबपुर थाना क्षेत्र के गांव में हुई है। विवाहिता ने चार अगस्त को रहरा थाने में पति जितेंद्र समेत 12 ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, दुष्कर्म व गर्भपात कराने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले की विवेचना दारोगा आरपी यादव कर रहे थे। छह आरोपितों को हाईकोर्ट से स्टे मिल चुका है जबकि पति जितेंद्र ने अपने अधिवक्ता आदिल अली के माध्यम से एडीजे प्रथम अहमद उल्ला खां की अदालत में अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया था। अदालत ने अग्रिम जमानत पर सुनवाई से पहले विवेचक को केस डायरी समेत तलब कर पक्ष रखने का आदेश दिया। दो बार नोटिस जारी होने के बाद भी विवेचक अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने 15 सितंबर को आरोपित पति को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दिया।

इस पर संज्ञान लेते हुए एडीजे प्रथम ने विवेचक आरपी यादव के खिलाफ विधिक वाद दर्ज कराया। गुरुवार को विवेचक इस मामले में केस डायरी समेत अदालत में हाजिर हुए। अदालत ने केस डायरी का अवलोकन किया तो उसमें विवेचना संतोषजनक नहीं मिली। विवेचक का स्पष्टीकरण भी आधारहीन पाया। इस मामले में विवेचक को अदालत के आदेश की अवहेलना का दोषी पाया। लिहाजा एडीजे प्रथम अहमद उल्ला खां ने विवेचक आरपी यादव को एक दिन न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया। साथ ही डीजीपी व एसपी अमरोहा को पत्र भेज कर विभागीय जांच तथा कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है। एक माह के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट से अवगत कराने को कहा है। उन्होंने यह आदेश विवेचक आरपी यादव की चरित्र पंजिका में दर्ज करने का भी आदेश दिया है।

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