कोरोना के शोर में नहीं मिला इलाज, बेटों की गोद में दम तोड़ गई मां

गजरौला (अमरोहा) बेबस बेटे अपनी मां को लेकर दौड़ते रहे मगर अस्पतालों के दरवाजे उनके लिए बंद मिले।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 11:50 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 11:50 PM (IST)
कोरोना के शोर में नहीं मिला इलाज, बेटों की गोद में दम तोड़ गई मां
कोरोना के शोर में नहीं मिला इलाज, बेटों की गोद में दम तोड़ गई मां

गजरौला (अमरोहा) : बेबस बेटे अपनी मां को लेकर दौड़ते रहे, मगर अस्पतालों के दरवाजे उनके लिए नहीं खुले। तीन घंटे वो महिला सीने के दर्द से चीखती रही। बेटे कभी इधर दौड़ते तो कभी उधर, मां की हालत देखकर छटपटाते तो कभी अस्पताल स्टाफ से मिन्नत करते। मगर, कोई उनकी सुनने वाला नहीं था। कोरोना के शोर में वो मां अपने बेटों की गोद में दम तोड़ गई। वो चली गई, मगर बेटों को जिंदगी भर का मलाल रह गया.. काश, मां को सही वक्त पर इलाज मिल जाता।

मुहल्ला अतरपुरा निवासी 50 वर्षीय सरोज देवी दिल की रोगी थीं। मंगलवार की रात करीब साढ़े 11 बजे अचानक हालत बिगड़ गई। सीने में दर्द व सांस फूलने की शिकायत पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। यहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद हालत नाजुक बताते हुए हायर सेंटर ले जाने की बात कही।

स्वजन अमरोहा-जोया रोड स्थित एक निजी अस्पताल पर पहुंचे। वहां अस्पताल के स्टाफ ने भर्ती करने से पहले छह सौ रुपये लेकर एंटीजन जांच की। कुछ देर बाद कहा कि सरोज देवी कोरोना संक्रमित हैं, इसलिए यहां भर्ती नहीं किया जा सकता। बेटे सोनू व मोनू आनन-फानन उन्हें लेकर मुरादाबाद पहुंचे। वहां चिकित्सकों ने कोरोना जांच रिपोर्ट मांगी तो बेटों ने कहा कि एंटीजन जांच की रिपोर्ट नहीं दी गई है। इस पर अस्पतालों ने वहां भी भर्ती करने से इन्कार कर दिया। डाक्टरों से बात करने और अस्पतालों के चक्कर लगाने में तब तक करीब तीन घंटे का समय बीत चुका था। अस्पताल के बाहर चीखती रहीं। बेटों ने उन्हें अपनी गोद में लेकर संभालने की कोशिश की, उसी दौरान मां ने दम तोड़ दिया।

सोनू, मोनू का कहना है कि बाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराई तो कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई। आरोप है कि निजी अस्पताल के स्टाफ ने भर्ती नहीं करने के उद्देश्य से फर्जी तौर पर पॉजिटिव बता दिया। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह ने बताया कि महिला की कोरोना से नहीं बल्कि दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई है। निजी अस्पताल की जांच गलत है। सत्य थी तो रिपोर्ट क्यों नहीं दी गई। इसके बारे में उच्चाधिकारियों को बताया जाएगा।

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