जांच में तहसील कर्मियों की मिली लापरवाही, बैंक ने नहीं दिया ऋण

अमरोहा मृत्यु के बाद किसान को ऋण देने व बगैर खाता किसान को लोन देने के मामले में तहसील कर्मी लापरवाह पाए गए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 11:39 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 11:39 PM (IST)
जांच में तहसील कर्मियों की मिली लापरवाही, बैंक ने नहीं दिया ऋण
जांच में तहसील कर्मियों की मिली लापरवाही, बैंक ने नहीं दिया ऋण

अमरोहा : मृत्यु के बाद किसान को ऋण देने व बगैर खाता किसान को लोन देने के मामले में तहसील कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है। जांच में पता चला है कि बैंक ने दोनों में से किसी को ऋण नहीं दिया है। तहसील कर्मियों ने ही गलत तरीके से खतौनी को ऋण दर्शाकर बंधक बना दिया है। इस मामले में अब बैंक अफसरों ने डीएम व एसडीएम को पत्र लिखा है और गलती को सुधारने का अनुरोध किया है।

19 जुलाई को मालीखेड़ा गांव के रहने वाले रिहान ने शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया था कि उसके पिता एहतसामुल हसन का दिसंबर 2015 में इंतकाल हो चुका है। इसके बाद उसने बैंक अकाउंट को बंद करा दिया था। जब जमीन की फर्द निकाली तो उसको छह लाख रुपये ऋण निकालने में बंधक बताया गया। इस पर उसने बैंक कर्मियों पर साठगांठ कर दूसरे को ऋण देने का आरोप लगाया था।

इसके अतिरिक्त शहबाजपुर गांव निवासी जरीफ ने भी आरोप लगाया था कि उसका बैंक में खाता तक नहीं हैं। जबकि उसकी जमीन की खतौनी में चार जनवरी 2019 को छह लाख रुपये लोन निकालना दर्ज है। दोनों ने इसकी शिकायत बैंक अधिकारियों व जिलाधिकारी बालकृष्ण त्रिपाठी से की थी। डीएम ने मामले की जांच एलडीएम को सौंप दी। एलडीएम उपेंद्र चौधरी ने बताया कि बैंक ने शिकायतकर्ता जरीफ व रिहान के पिता एहतासामुल को कोई ऋण नहीं दिया है। बैंक ने 24 दिसंबर 2019 को मालीखेड़ा निवासी एक व्यक्ति को छह लाख का ऋण दिया था। उसका लेखाजोखा तहसील और उपनिबंधक कार्यालय भेजा गया था लेकिन तहसील स्तर पर ही त्रुटिवश दोनों शिकायतकर्ताओं के जमीनों पर लोन दर्ज कर दिया गया। बैंक ने पीड़ितों की समस्या का निराकरण कराने के लिए डीएम और एसडीएम सदर को पत्र लिखा है।

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