अपनों के सितम से सड़क पर हारी मुख्तार की जिदगी
गजरौला : मुख्तार ने शायद कभी सपने में भी न सोचा होगा कि जिस लाडले को उंगली पकड़कर चलना सिखा रहा है। व
गजरौला : मुख्तार ने शायद कभी सपने में भी न सोचा होगा कि जिस लाडले को उंगली पकड़कर चलना सिखा रहा है। वही उम्र के आखिरी पड़ाव पर तन्हा छोड़ देगा।
शनिवार की सुबह में औद्योगिक पुलिस चौकी क्षेत्र के हाईवे किनारे पर 60 वर्षीय बुजुर्ग का शव अकड़ा हुआ मिला। पुलिस ने शव पीएम के लिए भेज दिया। नियमानुसार शव 72 घंटे तक शिनाख्त के लिए रखा रहा। सोमवार को पुलिस को ज्ञात हुआ कि मृतक बछरायूं के मुहल्ला चौधरियान के फकीरे वाली गली का है। पुलिस ने मृतक का फोटो वहां के लोगों को दिखाया तो उसकी शिनाख्त मुख्तार पुत्र युसूफ के रूप में हुई। इसके बाद उसके दामाद सरफराज ने पुलिस से संपर्क साधा और शिनाख्त करते हुए शव अपना लिया।
मुख्तार का सबकुछ, घर-परिवार था। अक्सर रेलवे ओवरब्रिज के नीचे आता-जाता रहता था। वहां के लोग भी उससे बातचीत करते थे। उन लोगों से मुख्तार ने बताया बेटा व बहू दोनों ही पीटते हैं। बीमारी की हालत में कई बार घर से निकाल दिया था। इसलिए वह घर से निकल आया और शहर में इधर-उधर मांगकर अपनी जिदगी के पहिए को चलाने लगा। नतीजन, अपनों के इस सितम से वह बेघर होकर फुटपाथ पर मर गया। नहीं पहुंचा बेटा, दामाद ने लिया शव
गजरौला : मुख्तार का शव दो दिन तक पीएम हाउस में लावारिस की तरह रहा। दामाद सरफराज ने ही उसकी शिनाख्त की और शव भी लिया। इसके बाद उसे दफना दिया। बेटा नहीं पहुंचा। पालिका कर्मियों ने भी पहुंचाया था मुख्तार को घर
गजरौला : मुख्तार को इधर-उधर घूमते देख एक बार पालिका कर्मियों ने उसे स्वजनों के सुपुर्द किया था। ईओ विजेंद्र सिंह पाल ने बताया बुजुर्ग को कई बार कर्मी उठाकर रैन बसेरे में लेकर आए थे। एक बार उसके घर पहुंचकर स्वजनों को सौंपा था।
मुख्तार का बछरायूं में घर-परिवार सबकुछ है। एक बेटा भी जो, दिल्ली में नौकरी करता था। उसके दामाद ने शव को अपना लिया।
आरपी शर्मा, प्रभारी निरीक्षक, गजरौला।