निर्दोष को भेजा जेल, तफ्तीश में हुआ बरी
अमरोहा: वादी द्वारा गुमराह करने के साथ ही घटना का पर्दाफाश करने के दबाव में रजबपुर पुलिस की जल्दबाजी
अमरोहा: वादी द्वारा गुमराह करने के साथ ही घटना का पर्दाफाश करने के दबाव में रजबपुर पुलिस की जल्दबाजी ने निर्दोष को एक महीना सलाखों के पीछे रखा। पहले विवेचक ने आरोपित मानते हुए उसे जेल भेज दिया परंतु दूसरे विवेचक की जांच में वह निर्दोष निकला। लिहाजा उसे जेल से राहत मिली तथा घर पहुंचा।
दो दिसंबर की शाम रजबपुर थाना क्षेत्र में हसनपुर मार्ग पर गांव भवालपुर निवासी मोहित चौधरी पर कार सवार हमलावरों ने गोली बरसाई। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। मोहित के भाई ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ठीक होने के बाद मोहित ने पुलिस को कुछ लोगों के नाम बताए थे परंतु पुलिस मोहित के बयान को लेकर संशय की स्थिति में थी।
प्रकरण की विवेचना अतरासी चौकी प्रभारी मनोज बालियान कर रहे थे। इस मामले में हुआ भी यही। बयान के आधार पर पुलिस ने जनपद मुरादाबाद के थाना छजलैट के गांव सदल्लीपुर निवासी विवेक उर्फ लाला को 16 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया। उसे मोहित के हमले का आरोपित मानकर जेल भेज दिया परंतु बाद में यह विवेचना क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई। निरीक्षक सतीश कुमार इस मामले की विवेचना कर रहे हैं।
उनकी जांच में विवेक उर्फ लाला को लेकर अहम तथ्य सामने आए। कॉल डिटेल व अन्य कोई साक्ष्य ऐसा नहीं मिला, जिससे विवेक उर्फ लाला को आरोपित माना जाए। ऐसे में विवेचना में उसका नाम निकाल दिया। विवेक को 22 फरवरी को जमानत मिली तथा वह जेल से बाहर आया। इस मामले में कुलदीप व रचिन सिद्धू को भी जेल भेजा जा चुका है। एक महीना से अधिक समय जेल में रहने वाले विवेक उर्फ लाला की गिरफ्तारी को लेकर रजबपुर पुलिस की कार्यशैली चर्चा में है।
विवेक उर्फ लाला विवेचना में निर्दोष पाया गया है। इस घटना से उसका कोई संबंध सामने नहीं आया है। उसे पूर्व में आरोपित मानकर जेल भेजा गया था। दो अन्य आरोपित बाद में जेल भेजे गए हैं। जल्दी ही अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
सतीश कुमार, विवेचक।