संघर्ष की डगर पर दौड़ा मीनाक्षी का हौसला
गजरौला (अमरोहा) गंगा से सटे ग्रामीणों क्षेत्रों में निवास करने वाले खडगवंशी समाज के लोग मीनाक्षी से प्रभावित हैं।
गजरौला (अमरोहा) : गंगा से सटे ग्रामीणों क्षेत्रों में निवास करने वाले खडगवंशी समाज के लोग मीनाक्षी पर गर्व महसूस कर रहे हैं। महिलाएं हों, पुरुष हों या बच्चे और बुजुर्ग, इस समाज के अधिकांश लोग खेती किसानी में जुटे नजर आते हैं। इनके पास खुद की कृषि भूमि नहीं है, वह दूसरों के पास बतौर मजदूरी करते हैं। सरकारी सेवाओं में खास तौर से पुलिस में इस समाज व क्षेत्र का शायद ही कोई मिले। इसी समाज की मीनाक्षी जरूर कुछ समय बाद पुलिस की वर्दी में नजर आएगी। उसका यूपी पुलिस में नंबर आ गया है। इसी माह वह पुलिस कांस्टेबल के प्रशिक्षण पर जाने वाली है।
मीनाक्षी गजरौला ब्लाक व हसनपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम मुहम्मदपुर-सुल्तानठेर निवासी स्वर्गीय श्रीराम की पुत्री है। गजरौला के रमाबाई आंबेडकर डिग्री कालेज से बीएससी पास मीनाक्षी वर्ष 2018 में यूपी पुलिस में महिला कांस्टेबल के लिए आवेदन किया था। इसी आधार पर उसका पुलिस कांस्टेबल के लिए चयन होने की सूचना विभाग की तरफ से भेजी गई। पिछले माह उसका चिकित्सा परीक्षण और चरित्र सत्यापन भी पूरा होने पर इस माह उसे प्रशिक्षण पर भेजा जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने पर वह महिला पुलिस कांस्टेबल के रुप में सेवा करती नजर आएगी।
उसकी इसी सफलता पर पूरा खडगवंशी समाज हर्ष व्यक्त कर उस पर फº महसूस कर रहा है। पिछले माह इसका पता लगने पर चंद्रपाल खडगवंशी व हसनपुर के प्रसिद्ध समाज सेवी मुजाहिद चौधरी समेत अनेक लोगों ने मीनाक्षी के घर पहुंचकर उसका हौसला भी बढ़ाया था। संघर्ष करने से मिली कामयाबी
गजरौला : कुमारी मीनाक्षी को मीनाक्षी राणा कहते हैं। छह बहनों व दो भाइयों में सातवें नंबर की मीनाक्षी सात-आठ साल की थी, तब उसके पिता की वर्ष 2014 में आकाशीय बिजली से मौत हो गई। खेती की भूमि भी सामान्य है। ऐसी स्थिति में माता जगवती ने मेहनत कर बेटियों को पढ़ाया। मीनाक्षी ने भी पढ़ाई मेहनत से की, तब वह स्नातक कर इस मुकाम तक पहुंच सकी है। मीनाक्षी ने बताया कि उसका यूपी पुलिस में चयन होने पर क्षेत्र व समाज के काफी लोग घर पर सम्मान करने पहुंचे।