कयामत तक याद की जाएगी इमाम हुसैन की शहादत
अमरोहा सफर के महीने में चल रही मजलिसों में दूर दराज शहरों से आए उलेमाओं ने भाईचारे पर जोर दिया।
अमरोहा: सफर के महीने में चल रही मजलिसों में दूर दराज शहरों से आए उलेमाओं ने भाईचारे कायम रखने का दर्स दिया। कहा कि इस्लाम मोहब्बत का संदेश देता है। उन्होंने हजरत इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र भी किया। कहा कि जब तक दुनिया कायम है उस समय तक इमाम हुसैन की शहादत को याद किया जाएगा।
चेहलुम के सिलसिले में शहर के विभिन्न मुहल्लों मे मजलिस बरपा हो रही हैं। मुहल्ला दानिशमंदान के अजाखाना वजीर-उन-निसा मे सोज-ओ-सलाम मुदस्सिर अली खां ने पेश किया। मौलाना शमशाद ने कहा की मजहबे इस्लाम का पैगाम है कि दूसरे मजहब के लोगों का साथ मोहब्बत से पेश आओ। इस्लाम हर एक इंसान के अच्छे कामों में साथ देने का संदेश देता है। अजाखाना अकबर अली में मौलाना इब्ने हसन ने कहा की इस्लाम हमें अल्लाह की इबादत के करीब लाता है। जिससे हम गुनाहों से दूर रहते हैं। मुहल्ला गुजरी स्थित अजाखाना अलमदार अली खां में मौलाना सज्जाद रिजवी ने कहा की पैगंबर हजरत मोहम्मद (सअ) के नवासे हजरत इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ी जंग लड़ी थी और इंसानियत व दीन-ए-इस्लाम को बचाने के लिए अपने साथियों की कुर्बानी दी। वही मुहल्ला शफातपोता में मौलाना अख्तर अब्बास जॉन ने कहा की शहादत-ए-इमाम हुसैन ने दीन-ए-इस्लाम की अजमत को कयामत तक के लिए बचा लिया। पूरी दुनिया को पैगाम दिया कि नाइंसाफी व जुल्म के सामने सिर झुकाने से बेहतर है सिर कटा दिया जाए। मुहल्ला हक्कानी के अजाखाने में मौलाना जिनान असगर ने खिताब करते हुए कहा कि हजरत इमाम हुसैन की शहादत हमें इंसानियत का दर्स देती है। मकसद-ए-करबला क्या है, इसको पहले समझना जरूरी है। फिर इसके पैगाम को दुनिया तक पहुचाएं। मुहल्ला लकड़ा के अजाखाने में मौलाना डॉ हसन कुमैली ने बयान किया। कहा कि इंसान को बुराइयों से दूर रहकर नेक कामों में इजाफा करते रहना चाहिए। लाख दौलत व ताकत आ जाए, कभी गुरूर नहीं करना चाहिए। गुरूर गुनाहों के दल-दल में पहुंचा देता है।