आयोडीन की कमी शारीरिक व बौद्धिक विकास में बाधक

अमरोहा आयोडीन सूक्ष्म पोषक तत्व है जो कि मानव वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 07:17 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 07:17 PM (IST)
आयोडीन की कमी शारीरिक व बौद्धिक विकास में बाधक
आयोडीन की कमी शारीरिक व बौद्धिक विकास में बाधक

अमरोहा : आयोडीन सूक्ष्म पोषक तत्व है जो कि मानव वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है। आयोडीन बढ़ते शिशु के दिमाग-विकास और थायराइड प्रक्रिया के लिए अनिवार्य एक माइक्रोपोशक तत्व है। शरीर में आयोडीन को संतुलित बनाने का कार्य थाइरोक्सिन हार्मोंस करता है जो मनुष्य की अंतस्त्रावी ग्रंथि थायराइड ग्रंथि से स्त्रावित होता है। आयोडीन की कमी से मुख्य रुप से घेंघा रोग होता है। चिकित्सकों ने भोजन में आयोडीन युक्त नमक व संतुलित आहार लेने की सलाह दी है।

विश्व आयोडीन अल्पता दिवस के मौके पर जोया सीएचसी प्रभारी डॉ. सुखदेव सिंह ने बताया दिवस को मनाने का उद्देश्य आयोडीन के पर्याप्त उपयोग के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना और आयोडीन की कमी के परिणामों पर प्रकाश डालना है। उआयोडीन अल्पता विकार प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन गई है। आयोडीन शरीर विकास में सहायक है और भ्रूण के पोषक तत्वों का एक अनिवार्य घटक है, शरीर में आयोडीन को संतुलित बनाने का कार्य थाइरोक्सिन हार्मोंस करता है। खाने में आयोडीन की कमी से घेंघा, भैंगा, बहरा, बौना आदि रोग हो जाते हैं। इसलिए आयोडीन की कमी को पूरा करने के लिए आयोडीन युक्त नमक और आयोडीन युक्त आहार का सेवन ही करना चाहिए।

उन्होंने कहा बच्चों में इसकी कमी से शारीरिक और बौद्धिक विकास रुक जाता है। देश में छह करोड़ से अधिक लोग आयोडीन की कमी से होने वाले रोगों से ग्रस्त हैं। इसकी कमी से शारीरिक रूप से थायरॉयड की बीमारी हो जाती है। आयोडीन की कमी से बच्चे पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं और गर्भावस्था के दौरान इसकी कमी से गर्भपात, कम वजन का शिशु और विकलांग शिशु होने का खतरा बढ़ जाता है।

निर्धारित आयोडीन की मात्रा भोजन में लेना जरूरी

अमरोहा : डॉक्टर जावेद अख्तर सिद्दीकी ने कहा विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रतिदिन गर्भवती महिलाओं को 200 से 220 माइक्रोग्राम, स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 250 से 290 माइक्रोग्राम,1 वर्ष से छोटे शिशुओं को 50 से 90 माइक्रोग्राम,1 वर्ष से 11 वर्ष के बच्चों को 90 से 120 माइक्रोग्राम व वयस्क और किशोरों को 150 माइक्रोग्राम आयोडीन का सेवन करना अनिवार्य होता है। उन्होंने कहा कि आयोडीन युक्त नमक का इस्तेमाल करने से इससे होने वाली बीमारियों से बचा जा सका है। हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन, मूली, चुकंदर, दूध, सोयाबीन, अंडा और केला आदि के सेवन से भी आयोडीन की कमी पूरी की जा सकती है।

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