दिल्ली में बिछड़ा मासूम 14 साल बाद मिला, खुशी में फफक पड़ी मां
रहरा (अमरोहा) : दिल्ली में बहन के घर से लापता हुआ आठ वर्षीय मासूम 14 वर्ष बाद बुजुर्ग मां-बाप को मिल
रहरा (अमरोहा) : दिल्ली में बहन के घर से लापता हुआ आठ वर्षीय मासूम 14 वर्ष बाद बुजुर्ग मां-बाप को मिला तो उनकी खुशियों का ठिकाना न रहा। मां सिलिया देवी उसे कलेजे से लगाकर फफक पड़ीं।
बिहार के दरभंगा जिले के थाना केवटी के ग्राम पैगंबर निवासी भोला सहाय ने वर्ष 2007 में मानसिक रूप से कमजोर अपने आठ वर्षीय बेटे शंकर को इलाज के लिए बेटी के घर दिल्ली भेजा था। दिल्ली से भटककर वह थाना रहरा के ग्राम चीला आ गया। यहां सेवानिवृत्त शिक्षक चंद्रपाल सिंह उसे अपने घर ले गए। बेटे की तरह वह उसे अपने घर पर रखे थे। इस दौरान उन्होंने कई प्राइवेट चिकित्सकों से उसका इलाज भी कराया। सप्ताह भर पहले शाम को अचानक शंकर को अपने पिता का नाम व पता याद आ गया। अगले दिन चंद्रपाल सिंह ने शंकर द्वारा बताए गए नाम व पते के बारे में इंटरनेट से जानकारी कराई। बिहार के एक जन सेवा केंद्र संचालक से संपर्क कर शंकर के माता-पिता को उसके फोटो भेजे। उन्होंने उसे पहचान लिया।
चंद्रपाल सिंह ने शंकर के स्वजनों को अपने गांव का पता बताया। शनिवार की देर शाम वह चीला आए। बचपन में बिछड़े बेटे को 13 वर्ष बाद सामने देखकर मां फफक पड़ी। बेटे को कलेजे से लगा लिया। बेटा भी भावुक हो गया। रविवार सुबह थाने पहुंचकर चंद्रपाल सिंह ने शंकर को उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया। प्रभारी निरीक्षक सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया शंकर के माता-पिता से उनके आधार कार्ड तथा राशन कार्ड आदि कागजात लेकर उसे उनके सुपुर्द कर दिया है। पिता की तरह किया पालन पोषण
थाना क्षेत्र के ग्राम चीला निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक चंद्रपाल सिंह ने अपने बेटे की तरह 14 साल तक अनाथ शंकर का पालन पोषण किया। चंद्रपाल सिंह के दो बेटे तथा पांच बेटी हैं। सभी बच्चों की शादी हो चुकी है। करीब 14 वर्ष पहले जब शंकर उनको मिला था, उस वक्त महज 8 साल का था।