आंदोलन पर दो संगठन एकजुट तो दो ने झाड़ा पल्ला
अमरोहा जनपद लखीमपुर खीरी कांड को लेकर किसानों का आंदोलन तेज हो गया है।
अमरोहा : जनपद लखीमपुर खीरी कांड को लेकर किसानों का आंदोलन भले ही तेज हो गया है लेकिन, उनके संगठन अलग ही अलग राग अलाप रहे हैं। दो संगठनों ने आंदोलन का बिगुल फूंक रखा है और एकजुटता के धागे में बंधे हैं लेकिन दो के नेता उसमें में भाग लेने से साफ इन्कार कर रहे हैं। इनमें एक संगठन न्यायिक जांच उस राज्य की पुलिस से कराने की मांग कर रहा है जिसमें भाजपा की सरकार न हो तो दूसरे के नेता कह रहे हैं कि वह किसी राष्ट्र विरोधी आंदोलन का समर्थन नहीं करेंगे। इस संबंध में दैनिक जागरण टीम ने चारों संगठनों के नेताओं से बातचीत की तो यह तस्वीर सामने आई।
ये किसानों की लड़ाई है। 15 को भाजपा नेताओं का पुतला दहन, 17 को महापंचायत, 18 को गजरौला व काफूरपुर में रेल रोकी जाएगी। 26 को लखनऊ में महापंचायत होगी। लखीमपुर खीरी कांड बेहद दुखदायी है। बेटा हत्यारा है तो मंत्री 120 बी का मुल्जिम है। मंत्री जब तक इस्तीफा नहीं देगा। पिता-पुत्र को आगरा जेल में नहीं डाला जाएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
चौधरी उम्मेद सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष भाकियू अराजनैतिक। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विरोध-प्रदर्शन की जो भी तारीखें तय की गई हैं, उनके हिसाब से आंदोलन किया जाएगा। 15 को जिलेभर में भाजपा नेताओं का पुतला दहन होगा। 18 को चांदनगर में रेल रोकी जाएगी। लखीमपुर खीरी कांड में किसानों की हत्या की गई है। इसलिए मंत्री को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। बेटे के साथ वह भी आरोपित है।
चौधरी सुरेंद्र सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाकियू असली। लखीमपुर खीरी में जो हुआ वह ठीक नहीं था। अब उसको लेकर राजनीति की जा रही है। किसानों को मोहरा बनाकर कुछ लोग आगे बढ़ना चाहते हैं। हमारा संगठन राष्ट्र विरोधी किसी भी आंदोलन में शामिल नहीं होगा। जो लोग किसानों के हिमायती बन गए हैं, उन्होंने कभी किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया। बेवजह विवाद को जन्म दिया जा रहा है।
चौधरी दिवाकर सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाकियू भानू। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन केवल एक ही मांग कर रहा है कि लखीमपुर खीरी कांड की न्यायिक जांच हो। यह जांच यूपी पुलिस करेगी तो सही नहीं कर पाएगी। जांच उस प्रदेश की पुलिस से कराई जाए जहां भाजपा की सरकार न हो। संगठन द्वारा कोई विरोध-प्रदर्शन का आह्वान नहीं किया गया है। इसलिए कार्यकर्ता कुछ नहीं करेंगे। हां, राष्ट्रीय अध्यक्ष मृतकों के स्वजनों से मिलने अवश्य जाएंगे।
सरदार जोरावर सिंह, जिलाध्यक्ष राकिमसं।