बेटे को बना दिया पिता तो किसी के आधार में गड़बड़

अमरोहा जनपद के 1.67 लाख किसानों को लगातार पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 01:36 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 01:36 AM (IST)
बेटे को बना दिया पिता तो किसी के आधार में गड़बड़
बेटे को बना दिया पिता तो किसी के आधार में गड़बड़

अमरोहा : जनपद के 1.67 लाख किसानों को लगातार पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है लेकिन, 36 हजार किसानों की फंसी है। किसी बेटे को पिता बना दिया है तो किसी के आधार व बैंक अकाउंट नंबर में गड़बड़ कर दिया है। इस तरह की शिकायतें लेकर किसान गरीब कल्याण मेले में कृषि विभाग के काउंटर पर पहुंचे और सम्मान निधि के लिए कर्मचारियों द्वारा मांगे गए दस्तावेज उपलब्ध कराए। किसानों की मानें तो कई-कई बार कागज दिए जा चुके हैं लेकिन, सम्मान निधि अभी तक एक बार भी नहीं मिली है।

केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों को सालभर में छह हजार रुपये उपलब्ध कराए जाते हैं। यह धनराशि दो-दो हजार रुपये की किस्त के रूप में उनको मिलती है। अधिकारियों के मुताबिक जिले में 2 लाख 38 हजार 479 किसान योजना के पात्र पाए गए थे। पहली किस्त 1.97 लाख किसानों के बैंक खातों में भेजी गई थी। इसके बाद 1.67 हजार किसानों के खातों में लगातार किस्त भेजी जा रही थी। 71,479 किसानों की आधार में गड़बड़ी, बैंक एकाउंट, नाम आदि में गड़बड़ी के कारण सम्मान निधि फंस गई थी। इसमें सुधार की प्रक्रिया चली तो अब 2 लाख दो हजार किसानों का डाटा सही हो गया है। सम्मान निधि की किस्त भी उनके खाते आने लगी है लेकिन, 36 हजार 479 किसानों की अभी तक फंसी हुई है। उनको एक भी किस्त नहीं मिली है। तीन साल पहले सम्मान निधि के लिए आवेदन किया था। कर्मचारी आधार गड़बड़ बताते हैं तो कभी बैंक अकाउंट नंबर। पांच-छह बार दफ्तर में कागज जमा कर चुका हूं। एक किस्त भी सम्मान निधि नहीं मिली है।

खिलेंद्र कुमार, गांव अदलपुर समदू। लापरवाही की भी हद होती है। आवेदन ठीक ढंग से कराया था लेकिन कर्मचारियों ने डाटा फीडिग में सबकुछ उल्टा कर दिया। पिता को बेटा बना दिया और बेटे को पिता। पांचवीं बार फिर से कागज जमा करने आया हूं।

योगेश कुमार, गांव अहरोई। कृषि विभाग के काउंटर पर 15 से 16 बार आकर कागज जमा कर चुका हूं। लेखपाल से भी वेरीफिकेशन कराकर कागज जमा किए लेकिन, आधार में गड़बड़ी बता दी गई। पांच बार तो खतौनी भी जमा कर दी है। एक भी किस्त नहीं मिल पाई है।

परम सिंह, गांव नसीरपुर। नाम में गलतियां आवेदन के दौरान ही हुई हैं। आधार में नाम कुछ और है जबकि अकाउंट नंबर में कुछ और, इस तरह की कमियों को दूर कर संशोधित डाटा निदेशालय को भिजवा दिया गया है।

राजीव कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी।

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