..यहां तो थर-थर कांपता कानून के रखवालों का दिल

गजरौला थाने से लेकर शहर के चौक-चौराहे पर पुलिस कर्मी भले ही सीना तान कर खड़े मिलते

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 07:08 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 07:08 PM (IST)
..यहां तो थर-थर कांपता कानून के रखवालों का दिल
..यहां तो थर-थर कांपता कानून के रखवालों का दिल

गजरौला : थाने से लेकर शहर के चौक-चौराहे पर पुलिस कर्मी भले ही सीना तान कर खड़े मिलते हो लेकिन, जब थाने की आवासीय कालोनी में सोने के लिए पहुंचते हैं तो उनका दिल भी कांपने लगता है। क्योंकि यहां की स्थिति कुछ ऐसी ही है। भवन जर्जर हो चुके हैं। कब गिर गए जाएं, इसका कुछ नहीं पता है। इसके बाद भी पुलिस कर्मी रहने के लिए मजबूर हैं।

जी हां, यकीन न हो तो थाने में मंदिर के सामने बने आवासों क भ्रमण करें। प्रयास करें उन लोगों की वेदना करीब से महसूस करने की जो दिन रात जागकर हम सब की रखवाली करते हैं। हालात बताते हैं कि पुलिस के जर्जर आवास किसी कब्रगाह से कम नहीं हैं। दरकी दीवारें, उखड़ा प्लास्टर, दीवारों पर उगे पेड़, टपकता बारिश का पानी, दीवारों पर जमी काई इन आवासों की बदहाली की दास्तां बयां करते हैं। खास बात है कि गैर थानों व जनपदों में तैनात पुलिस कर्मियों ने सही वाले आवासों पर कब्जा कर रखा है। जबकि स्थानीय थाने में तैनात पुलिस कर्मी किराए पर या फिर ऐसे जर्जर भवन में रहने को मजबूर हैं। दो दर्जन से अधिक आवास, फिर भी रह रहे किराए के कमरों में

गजरौला : औद्योगिक नगरी के थाने में यूं तो दो दर्जन से अधिक सरकारी आवास हैं लेकिन, उनमें हसनपुर, नौगावां सादात, बछरायूं व रजबपुर थाने में तैनात पुलिस कर्मी रह रहे हैं। जबकि यहां के पुलिस कर्मियों ने किराए के कमरे ले रखे हैं। थाने के कुछ आवास जर्जर हालात में हैं, उनके बारे में उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा। हालांकि कुछ आवास ठीक हैं। उनमें पुलिस कर्मी रह रहे हैं।

आरपी शर्मा, प्रभारी निरीक्षक, गजरौला।

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