चकबंदी अधिकारियों की शह पर कब्जाई चारागाह की जमीन

अमरोहा हसनपुर तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत रहरा में चकबंदी अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी जमीन कब्जा ली गई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:24 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:24 PM (IST)
चकबंदी अधिकारियों की शह पर कब्जाई चारागाह की जमीन
चकबंदी अधिकारियों की शह पर कब्जाई चारागाह की जमीन

अमरोहा: हसनपुर तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत रहरा में चकबंदी अधिकारियों की मिलीभगत से ग्रामीणों ने सरकारी चारागाह की जमीन पर कब्जा कर लिया। इस पर लोगों ने घर ही नहीं बल्कि अस्पताल तक बनवा लिए। शिकायत पर बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी नितिन चौहान जांच के लिए पहुंचे तो नजारा देखकर दंग रह गए। संबंधित लेखपाल, एसीओ व अन्य पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।

ग्राम पंचायत रहरा में चकबंदी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। गलत चक काटकर लोगों को लाभ पहुंचाया गया है। घूस लेकर इस काम को अंजाम देने के आरोप लगाए गए हैं। इस मसले को छोड़ दें तो अब एक और नया मामला सामने आ गया है।

गांव के ही रहने वाले योगेंद्र व छत्रपाल ने डीएम को दिए शिकायती पत्र में कहा है कि ग्राम पंचायत में करीब 50 एकड़ जमीन सरकारी चारागाह के नाम दर्ज है लेकिन, उस पर लोगों ने कब्जा कर मकान बना लिए हैं। चकबंदी विभाग के अधिकारियों के रहमोकरम पर ही ग्रामीणों द्वारा कब्जे किए गए हैं। स्थिति ये है कि स्कूल, घर व अस्पताल तक लोगों ने सरकारी जमीन पर खड़े कर दिए हैं। इस पर डीएम ने एसओसी को जांच के आदेश दिए थे।

बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी ने मौके पर जाकर जांच पड़ताल की तो सरकारी जमीन पर लोगों का कब्जा और भवन पाए। तेजी से कब्जाई जा रही सरकारी जमीन की स्थिति देख वह अचरज में पड़ गए। चकबंदी अधिकारियों द्वारा जमीन को कब्जा मुक्त बनाने के लिए कार्रवाई क्यों नहीं की गई जबकि, कार्यालय गांव में ही बना है। इस पर अब उनके द्वारा कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है। चारागाह सरकारी है और उसकी जमीन पर लोग कब्जा कर भवन बना रहे हैं। पुरानों की छोड़िए अभी नए भवन बनाए जा रहे हैं। जांच में कब्जा पाया गया है। संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी और जांच रिपोर्ट डीएम को भी भेजी जाएगी।

नितिन चौहान, एसओसी।

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