डेढ़ घंटे में पहुंची सरकारी एंबुलेंस, मौत की नींद सो गया मनोज

गजरौला औद्योगिक नगरी में एक बीमार व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग के लचर सिस्टम की वजह से मौत की नींद सो गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 11:46 PM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 11:49 PM (IST)
डेढ़ घंटे में पहुंची सरकारी एंबुलेंस, मौत की नींद सो गया मनोज
डेढ़ घंटे में पहुंची सरकारी एंबुलेंस, मौत की नींद सो गया मनोज

गजरौला : औद्योगिक नगरी में एक बीमार व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग के लचर सिस्टम की वजह से मौत की नींद सो गया। डेढ़ घंटे के इंतजार के बाद पहुंची सरकारी 108 एंबुलेंस में उसने मेरठ जाते समय उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। उसकी मौत के बाद स्वजनों का रो-रोकर बुराहाल है।

नगर के मुहल्ला मायापुरी निवासी 37 वर्षीय मनोज शर्मा काफी समय से बीमारी की चपेट में था। शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे उसकी हालत बिगड़ी तो स्वजनों सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां पर चिकित्सकों ने इंजेक्शन लगाकर उपचार की इतिश्री पूरी करते हुए नाजुक हालत होने का हवाला देकर मेरठ के लिए रेफर कर दिया। विडंबना की बात यह है कि रेफर का पर्चा बनने के बाद मरीज को सरकारी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाई। करीब डेढ़ घंटे तक मरीज सरकारी अस्पताल में ही एंबुलेंस का इंतजार करता रहा। बाद में तीमारदारों ने इसकी सूचना क्षेत्रीय विधायक राजीव तरारा को दी। विधायक के हस्तक्षेप के बाद हसनपुर से 108 एंबुलेंस बुलाई और मेरठ के लिए भेजा गया। लेकिन, वह मेरठ तक नहीं पहुंच पाया और उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। तीमारदारों का आरोप है कि अस्पताल में मास्क भी नहीं थे। विधायक के कहने के बाद मास्क उपलब्ध कराए गए। सवाल यह है कि अगर, समय से एम्बुलेंस मिल जाती यो शायद मनोज की जान बच जाती। चिकित्सा अधीक्षक डॉ योगेंद्र सिंह ने बताया कि मरीज को हसनपुर से मंगवाकर से एंबुलेंस बुलाकर मेरठ के लिए भिजवाया गया था। मरीज की हालत ज्यादा नाजुक थी। उधर, विधायक राजीव तरारा ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। एंबुलेंस के लिए स्वास्थ्य विभाग से कहा गया था।

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