अब नहीं भटकेंगे किसान, जनपद में ही मिलेगी गन्ने की पौध
अमरोहा अब किसानों को गन्ने की पौध के लिए दूसरे जिलों व राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा।
अमरोहा : अब किसानों को गन्ने की पौध के लिए दूसरे जिलों व राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा। जिले में ही उनको गन्ने की पौध मिलेगी। प्रशासन ने पौध तैयार कराने की कार्रवाई शुरू कर दी है। ग्रामीण महिला उद्यमियों से इसे तैयार कराया जाएगा। इसके लिए उनको प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू हो गया है। गन्ने की पौध बेचकर वह आत्मनिर्भर बन सकेंगी। जिला गन्ना अधिकारी ने चीनी मिल अधिकारियों को महिला उद्यमियों का सहयोग करने के निर्देश दिए हैं।
गन्ना विभाग द्वारा इस बार सर्वे कराया गया है। जिसमें 93 हजार हेक्टेयर जमीन में गन्ने की फसल खड़ी है। सर्वे का प्रदर्शन होना अभी बाकी है। जनपद को गन्ना बेल्ट घोषित किया गया है। इसलिए सरकार ने जिले में ही गन्ने की पौध तैयार कराने के निर्देश अफसरों को दिए। अधिकारियों के मुताबिक ग्रामीण महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जनपद में 16 स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं। समूह में शामिल महिलाओं को सिगल एवं वाट्सएप द्वारा गन्ने की नर्सरी तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया है। पहले राउंड का प्रशिक्षण पूरा हो गया है।
गन्ना विकास परिषद व चीनी मिलों द्वारा संयुक्त रूप से इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। पौध बनाने में आवश्यक मशीनें चीनी मिलों के सहयोग से उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रदर्शनी में गन्ने की बुवाई महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार सीडलिग से की जाएगी। सीडलिग उत्पादन के लिए 3.50 रुपए के हिसाब से अनुदान सरकार द्वारा देय होगा। महिला रोजगार सृजन के जरिए गन्ने की खेती में विकल्प उपलब्ध होने से महिला उद्यमियों का मनोबल बढ़ेगा। इससे जो आय प्राप्त होगी, उससे उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा। इसमें भी कोविड-19 को देखते हुए शारीरिक दूरी का पालन अनिवार्य रखा गया है।
हेमेंद्र प्रताप सिंह, जिला गन्ना अधिकारी।