श्रद्धा के संगम में लग रही सियासी डुबकी

अमरोहा (अनिल अवस्थी): किसान, मजदूर, व्यापारी समेत हर वर्ग के लिए बहुप्रतीक्षित तिगरी गंगा मेला अपने

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 11:27 PM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 11:27 PM (IST)
श्रद्धा के संगम में लग रही सियासी डुबकी
श्रद्धा के संगम में लग रही सियासी डुबकी

अमरोहा (अनिल अवस्थी): किसान, मजदूर, व्यापारी समेत हर वर्ग के लिए बहुप्रतीक्षित तिगरी गंगा मेला अपने उठान पर है। श्रद्धालु यहां पतित पावनी गंगा में डुबकी लगाकर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। मगर सियासी शूरमाओं के लिए यह अवसर और भी खास मायने रखता है। वहीं चुनावी पर्व जब सामने हो तो इसकी अहमियत और भी बढ़ जाती है। यही वजह है कि सत्ता पार्टी के कई धुरंधर एक-दूजे को पछाड़ने में कोर-कसर नहीं छोड़ रहे। यहां तक कि वह मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के स्वघोषित आयोजक, प्रायोजक और संयोजक बनने में भी गुरेज नहीं कर रहे।

प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा के इस ओर तिगरी तो दूसरे छोर पर गढ़ मेला एक साथ परवान चढ़ता है। दोनों किनारों पर दस लाख से भी अधिक श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाते हैं। यह मौका सियासी दिग्गजों के लिए महाकुंभ से कम नहीं होता। इसकी वजह यह है कि यहां उन्हें बिना किसी प्रयोजन के भारी भीड़ मिल जाती है। साथ ही पार्टी के नीति-नियंताओं के आगे अपना प्रभाव दिखाने का भी अच्छा अवसर होता है। यही वजह है कि यह मेला सियासी हस्तियों के बैनर पोस्टर से पटा पड़ा है। वहीं नीति नियंताओं को खुश करने के लिए प्रशासन ने भी इसे भगवा रंग देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। दोनों छोरों पर सबसे अधिक भीड़ 22 व 23 नवंबर के बीच जुटने के आसार हैं। 22 को जहां मुख्यमंत्री योगी के आगमन का कार्यक्रम प्रस्तावित है वहीं 23 को मुख्य स्नान है। ऐसे में सियासी दिग्गजों के अखाड़े भी सजकर तैयार हो गए हैं। अमरोहा लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो इसका दायरा गढ़ तक फैला है। वहीं इस मेले का आकार भी गढ़ तक व्याप्त है। ऐसे में खासकर सत्तापक्ष से लोकसभा चुनाव के लिए टिकट की दावेदारी जता रहे शूरमाओं को श्रद्धालुओं के साथ ही पार्टी के कर्णधारों के आगे खुद को साबित करने की छटपटाहट बढ़ गई है। इस इम्तिहान में सफलता के लिए उन्होंने न सिर्फ मेले में बल्कि गांव-गलियारों से लेकर राज्य व राष्ट्रीय राजमार्गों तक बड़े-बड़े बैनर व होर्डिंग लगवा दिए हैं। पहली बार ऐतिहासिक गंगा मेले में मुख्यमंत्री के पहुंचने का श्रेय भी हर कोई लेना चाह रहा है। कुछ मुख्यमंत्री के साथ बड़े-बड़े फोटो लगा रहे हैं तो कुछ कार्यक्रम के स्वघोषित संयोजक बन बैठे हैं। इनमें से कई मुख्यमंत्री के आगमन का कपोल कल्पित ब्योरा पेश कर खुद को उनका बेहद करीबी साबित करने में जुटे हैं। कुल मिलाकर मेले में पक रही सियासी खिचड़ी उफान पर है। यह किसके लिए सेहतमंद होगी और किसे बदहजमी करेगी इसका फैसला चंद महीनों बाद ही होगा। मुख्यमंत्री का नहीं मिला कार्यक्रम अमरोहा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तिगरी गंगा मेले में लाने के लिए बढ़-चढ़कर दावे किए जा रहे हैं मगर प्रशासन के पास अभी तक लिखित या मौखिक रूप से उनके कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं है। जिलाधिकारी हेमंत कुमार ने बताया कि अभी उन्हें मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी गढ़ मेले से नाव के जरिये गंगा के बीच पहुंचकर दुग्धाभिषेक करेंगे और सुरक्षा कारणों के मद्देनजर तिगरी मेले में नहीं पहुंचेंगे। उधर, कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री गढ़ मेले में अवश्य पहुंचेंगे। वहां से आगे का कार्यक्रम अभी फाइनल नहीं है।

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