तिगरी गंगा घाट के पास बनेगा विद्युत शवदाह गृह

अमरोहा : तिगरी गंगा घाट पर लोगों के शवों को लकड़ी से नहीं जलाया जाएगा क्योंकि, जल्द ही घाट के नजदीक व

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 11:20 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 11:20 PM (IST)
तिगरी गंगा घाट के पास बनेगा विद्युत शवदाह गृह
तिगरी गंगा घाट के पास बनेगा विद्युत शवदाह गृह

अमरोहा : तिगरी गंगा घाट पर लोगों के शवों को लकड़ी से नहीं जलाया जाएगा क्योंकि, जल्द ही घाट के नजदीक विद्युत शवदाह गृह बनेगा। इसमें शव का बिजली के करंट से अंतिम संस्कार किया जाएगा। सरकार ने शवदाह गृह बनाने की मंजूरी प्रशासन को दे दी है। अब प्रशासन जमीन की पैमाइश कराकर उसके निर्माण की कार्रवाई प्रारंभ करेगा।

अक्सर लोग तिगरी गंगा घाट पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए जाते हैं। तकरीबन दो दर्जन से अधिक शवों का रोजाना तिगरी घाट पर अंतिम संस्कार होता है। इसमें कई क्विटल लकड़ी का प्रयोग होता है। उसके चलते गंगा नदी भी प्रदूषित होती है लेकिन, यह सब कुछ दिन बाद नहीं हो पाएगा। शीघ्र ही अंतिम संस्कार के लिए गंगा घाट के पास विद्युत शवदाह गृह बनाया जाएगा।

यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने बताया दो दिन पहले वीडियो कांफ्रेसिग हुई थी, जिसमें उनको प्रमुख सचिव द्वारा बताया गया कि विद्युत शवदाह गृह बनाने का जो प्रस्ताव भेजा गया था, उसको मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि अब जमीन की पैमाइश आदि कराई जाएगी। चूंकि शवदाह गृह में बिजली की आवश्यकता होगी। इसलिए उसका इंतजाम भी देखा जाएगा। हर व्यवस्था को देखते हुए ही उसके निर्माण की कार्रवाई होगी।

खाकी की चहलकदमी को देख वापस लौट गए कुछ लोग

मंडी धनौरा : कोविड संक्रमण के चलते गंगा किनारे मेले का आयोजन नहीं किया गया। उधर कार्तिक पूर्णिमा पर पुलिस की मुस्तैदी के कारण गंगा स्नान को पहुंचे लोग खाकी की चहलकदमी को देख वापस लौट गए।

खादर क्षेत्र के ग्राम सीपिया फार्म व रानी बसतौरा में कार्तिक पूर्णिमा पर मेले का आयोजन किया जाता था। भारी संख्या में लोग इस मेले में भाग लेने पहुंचते थे मगर कोविड संक्रमण के चलते शासन द्वारा कार्तिक मेले पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया था। इसको लेकर पुलिस अलर्ट दिखाई दी। सोमवार की सुबह कुछ लोगों ने गंगा स्नान के लिए गंगाघाट पहुंचने का प्रयास किया मगर पुलिस की सक्रियता के चलते श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए गंगाघाट पर नहीं पहुंच सके। उन्हें वापस लौटना पड़ा। स्नान का समय बीत जाने के बाद पुलिस प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।

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