नहीं डिगे कदम, इंसाफ के लिए डटी रही बेटी

अमरोहा अपहरण कर तीन माह तक बंधक बनाने व दुष्कर्म का दंश झेलने वाली बेटी उम्र से नाबालिग थी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 12:04 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 12:04 AM (IST)
नहीं डिगे कदम, इंसाफ के लिए डटी रही बेटी
नहीं डिगे कदम, इंसाफ के लिए डटी रही बेटी

अमरोहा: अपहरण कर तीन माह तक बंधक बनाने व दुष्कर्म का दंश झेलने वाली बेटी उम्र से जरूर नाबालिग थी परंतु उसकी हिम्मत व अदालत में दी गई गवाही ने इंसाफ दिला दिया। डेढ़ साल के अरसे में ही अपने गुनाहगार को उम्रकैद की सजा दिलाकर अन्य पीड़िताओं के लिए नजीर बन गई।

वह कक्षा आठ की छात्रा थी। गजरौला में एक फैक्ट्री में काम करने व मुहल्ले में ही किराए पर रहने वाले मुरादाबाद जनपद के थाना डिलारी के गांव काजीपुरा का मूल निवासी अनवार उस पर बुरी नजर रखता था। मौका पाकर 24 फरवरी, 20 को वह छात्रा का अपहरण कर ले गया। तीन माह तक बंधक बनाए रखा तथा दुष्कर्म किया। तीन महीने के इस बुरे समय को वह जिदगी भर नहीं भूल पाएगी। उसने ठान लिया था कि वह अपने गुनाहगार को सजा जरुर दिलाएगी। बेटी इसी प्रण पर डटी रही।

उसकी गवाही ने दोषी को जमानत नहीं मिलने दी और उम्रकैद की सजा दिला दी। विशेष लोक अभियोजक पोक्सो एक्ट बसंत सिंह सैनी ने बताया कि पीड़िता व उसके पिता यानि मुकदमे के वादी की गवाही को अदालत ने इस मामले में अहम माना है। पुलिस की त्वरित विवेचना भी कारगर साबित हुई। इसके चलते अदालत द्वारा पीड़िता को त्वरित न्याय मिला है। महिला उत्पीड़न संबंधी मामलों में विवेचक को प्राथमिकता के आधार पर विवेचना कर चार्जशीट दाखिल करने के निर्देश दिए हुए हैं। इस प्रकार के मामलों में देरी अक्षम्य है। समय रहते विवेचना निस्तारित होने से पीड़िता को समय रहते न्याय मिलता है। इससे निश्चित ही समाज में सकारात्मक संदेश जाता है।

पूनम, एसपी।

अनुसूचित जाति की छात्रा से जुड़े इस मुकदमे में पीड़िता व वादी की गवाही को अदालत ने अहम माना है। पीड़िता इंसाफ के लिए डटी रही। जिसके चलते अदालत ने त्वरित न्याय किया। महिला उत्पीड़न जैसे मामलों में इसी प्रकार से पैरवी की जरुरत है। जिससे महिला उत्पीड़न के मामलों में कमी आ सके।

बसंत सिंह सैनी, विशेष लोक अभियोजक, पोक्सो एक्ट।

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