मुसीबत की लहरों से टकराकर सजाईं भाई की कलाई
रामगंगा पोषक नहर में उफान मारती लहरों को देख कर भी बहनों के अंदर भाई की कलाई सजाने की उमंग कम नहीं हुई।
गजरौला : रामगंगा पोषक नहर में उफान मारती लहरों को देख कर भी बहनों के अंदर भाइयों की कलाई सजाने की उमंग कम नहीं हुई। मजबूत हौसलों का परिचय देते हुए मुसीबत की इन लहरों से टकराकर भाइयों के घर तक का सफर तय किया। जान जोखिम में डालकर न सिर्फ नाव में सवार हुई बल्कि बाढ़ के पानी में काफी दूरी तक पैदल चलकर एक मिसाल भी पेश की।
जी हां, इन दिनों खादर क्षेत्र में रहने वाली कई गांवों की आवाम दुश्वारियां के दौर जूझ रही है। क्योंकि रामगंगा पोषक नहर का जल स्तर बढ़ने के बाद पेंटून पुल को हटा दिया गया है। पुल हटने के बाद नहर के उस पार बसे दर्जनभर गांवों का शहर से संपर्क टूट चुका है। पिछले कई दिनों से रामगंगा पोषक नहर का पानी बढ़ने के कारण गांवों में भी पहुंचने लगा है। इस स्थिति में सोमवार को रक्षाबंधन पर नहर पार के गांव शीशोवाली, टिकोवाली, आलमनगर, दारानगर, मंदिर वाली भुड्डी, सुल्तानपुर, पच्छा वाली भुड्डी, सरिकपुर, चकनवाला, ढाकोवाली, रमपुरा, लंगड़ों वाली भुडडी, विशावली, मीरापुर आदि गांवों में जाने के लिए बहनों के माथे पर चिता की लकीरें एक बार भी देखने को नहीं मिलीं। वह मायके में भाइयों के घर जाने के लिए हौसले के साथ निकल पड़ीं। रामगंगा पोषक नहर पार करने के लिए न सिर्फ जान जोखिम में डालकर नावों में सवार हुई बल्कि काफी दूर तक बाढ़ के पानी से भीगते ते हुए पैदल भी चलीं।
सोमवार को एक हजार से ज्यादा बहनें इसी तरह दुश्वारियों से जूझते हुए भाइयों के घर पहुंचीं और कलाई पर प्रेम की डोर बांधकर बहन होने का फर्ज निभाया। नहर किनारे घंटों करना पड़ा इंतजार
गजरौला : सोमवार को भाइयों के घर पहुंचने के लिए रामगंगा पोषक नहर पर पहुंची बहनों को नाव से जाने के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ा। क्योंकि नाव का एक बार चक्कर लगाने में लगभग 2 घंटे का समय लगता है। खास बात है कि पुल हटने के बाद यहां पर सिर्फ एक ही नाव चल रही है। ऐसे में बहनों को कई कई घंटे इंतजार करना पड़ा। तिगरी गंगा में छोड़ा गया 52971 क्यूसेक से अधिक पानी
गजरौला : पहाड़ों पर बारिश होने के बाद तिगरी गंगा के जलस्तर के बढ़ने व घटना का क्रम जारी है। बिजनौर बैराज से 52,971 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हालांकि सोमवार को तिगरी में गंगा का जलस्तर 10 सेमी और घटा है। चूंकि बिजनौर बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा कम होने के बाद तिगरी में गंगा का जलस्तर भी घटना शुरू हो गया है। सोमवार को गंगा की गेज 200-00 रिकार्ड की गई। जबकि रविवार को 200.10 थी। उधर बिजनौर बैराज से 52,971 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। उधर, गांव ओसित जगदेपुर, दारागर, शीशोवाली समेत कई गांवों में पानी घुसने की कगार पर है। इससे प्रशासन भी चितित नजर आने लगा है। बाढ़ खंड विभाग के जेई प्रदीप सागर ने बताया कि सोमवार को गंगा का जलस्तर कम हुआ है।