बीमा नहीं कराना पड़ा भारी, बरसात से बर्बाद हुई फसल
अमरोहा मौसम का बदलता मिजाज फसलों के लिए आफत बना है। 36 घंटे से हो रही बरसात से खेत पानी भर गया है।
अमरोहा: मौसम का बदलता मिजाज फसलों के लिए आफत बना है। 36 घंटे से हो रही बरसात से खेत पानी से लबालब हो गए और फसल डूबे रहने से बर्बाद हो गई। बेमौसम आई इस मुसीबत से किसानों के चेहरे से रंगत उड़ गई है। इसकी वजह उसकी लापरवाही भी है। हर साल ऐसा होता है लेकिन, बेपरवाह किसान फसल का बीमा नहीं कराता। कृषि विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में 3,121 किसानों ने ही धान की फसल का बीमा कराया है। उनको नुकसान की भरपाई मिलेगी, शेष 76,879 किसानों को नुकसान झेलना पड़ेगा।
केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। इसके तहत फसल में नुकसान होता है या फिर प्राकृतिक आपदा से बर्बाद हो जाती है तो सरकार बीमित फसल का भुगतान करती है। हर फसल के लिए अलग-अलग बीमित धनराशि है। गन्ने की फसल का बीमा नहीं होता है। उसे अधिसूचित फसलों की श्रेणी से बाहर रखा गया है।
यहां बता दें कि जिले में 2.75 लाख किसान पंजीकृत हैं। करीब 80 हजार किसानों ने 27 हजार हेक्टेयर जमीन में धान की फसल बोई है। इनमें से 3,121 किसानों द्वारा ही बीमा कराया गया है जबकि 76,879 किसानों का फसल बीमा नहीं है। अधिकारियों की मानें तो धान की जो फसल खेत में कटी पड़ी है उसमें 50 से 55 फीसद, जो खेत में गिर गई है उसमें 20 से 25 फीसद और जो फसल खेत में खड़ी है और गिरी नहीं है, उसमें कोई नुकसान नहीं है। सब्जियों की फसल हो गईं बर्बाद
अमरोहा: बरसात से खेतों में पानी ठहर गया है। कई दिन तक पानी सूखने की उम्मीद नहीं है। इस वजह से गोभी, गाजर, मूली, आलू, पालक व मेथी की फसल में भारी नुकसान हुआ है। हालांकि, किसान पंपसेट लगाकर पानी निकालने में जुटे हैं लेकिन, धीरे-धीरे पड़ रही बरसात उनको कामयाब नहीं होने दे रही है। हरकत में आया प्रशासन, लेखपालों को दिए सर्वे के निर्देश
अमरोहा: मूसलाधार बारिश की वजह से बर्बाद हुई फसलों को लेकर प्रशासन व कृषि विभाग के अफसर हरकत में आ गए हैं। अपर जिलाधिकारी विनय कुमार सिंह ने सभी तहसीलों के लेखपालों को क्षेत्र में जाकर किसानों की खराब हुई फसल का सर्वे करने के लिए कहा है। जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार सिंह ने रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। कहा है जिन किसानों का धान की फसल का बीमा है, वह तुरंत मोबाइल फोन नंबर 7355321155 पर काल करें और जानकारी दें।
वर्ष वार किसानों को मिली बीमित धनराशि का आंकड़ा---- वर्ष- किसानों की संख्या -मिली धनराशि
2017--18-954--25,52,531
2018-19--1059--13,73,299
2019-20--563--6,73,963
कुल--2576--45,99,793 इन फसलों पर किया जाता है बीमा
अधिसूचित फसलें--बीमित राशि प्रति हेक्टयर (रु.)
गेहूं--65 हजार रुपये
धान--53 हजार रुपये
बाजरा--26 हजार रुपये
उर्द--20 हजार रुपये
मक्का--32 हजार रुपये
जिले के किसानों को फसल का बीमा कराने के लिए प्रेरित किया जाता है, किसान बीमा कराने में दिलचस्पी नहीं लेते हैं। गन्ने की फसल को बीमा से बाहर रखा गया है। धान की बीमित फसल का किसानों को लाभ मिलेगा।
राजीव कुमार सिंह, जिला कृषि अधिकारी।