मेडिकल अवकाश के नाम पर खेल की होगी जांच
गजरौला गांव भगवानपुर भूड़ के संविलियन विद्यालय में तैनात शिक्षिका व अधिकारियों की मिलीभगत सेखेल चल रहा था।
गजरौला : गांव भगवानपुर भूड़ के संविलियन विद्यालय में तैनात शिक्षिका व अधिकारियों की मिलीभगत से मेडिकल अवकाशों के खेल में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सख्त हो गए हैं। उन्होंने इस मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करने दावा किया है।
बताते हैं कि विद्यालय में तैनात एक शिक्षिका द्वारा लगभग 350 दिन के मेडिकल अवकाश के प्रार्थना पत्र विद्यालय में मौजूद हैं। जबकि शिक्षिका की सर्विस बुक में मात्र 107 मेडिकल अवकाश दर्ज हैं। इतना ही नहीं मानव संपदा पोर्टल पर भी अवकाश नहीं चढ़े होने की चर्चा है। विभाग में यह मेहरबानी बाबू समेत अन्य अधिकारियों के होने की चर्चाएं जोरों पर हैं। खास बात है कि शिक्षिका द्वारा मेडिकल अवकाश के नियमों को भी दरकिनार किया गया।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक को रिपोर्टिंग अफसर बनाना होता है। जबकि शिक्षिका ने ऐसा नहीं किया। अब मामला मीडिया में उछला तो अधिकारी भी प्रकरण की लीपापोती करने में जुट गए हैं। दैनिक जागरण से हुई बात में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने दावा किया है कि इस मामले में वह जांच कराएंगे और दोषियों पर कार्रवाई भी की जाएगी।
ब्लाक के कई शिक्षकों पर मेहरबानी की चर्चाएं
गजरौला : बेसिक शिक्षा विभाग में अफसरों द्वारा मेहरबानी बरतने के मामले आम होते जा रहे हैं। एक बार फिर से शिक्षिका के मेडिकल अवकाशों में खेल का पर्दाफाश हुआ है। बताते हैं कि ऐसी मेहरबानी एक ही नहीं बल्कि ब्लाक के कई शिक्षक-शिक्षिकाओं के ऊपर बरती जा रही है। उनके मेडिकल व अन्य अवकाश सर्विस बुक में ही चढ़े हुए नहीं हैं। इसके बाद भी उच्चाधिकारियों का इस तरफ कोई ध्यान नहीं रहता है। पूर्व में स्थानीय बीआरसी केंद्र पर लेखाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर का मामला भी उठा था। उस पर अधिकारियों ने पर्दा डालकर शांत कर दिया था।