कांवड़ लिए शिवालयों की तरफ बढ़ रहे शिवभक्तों के कदम
गजरौला : महाशिवरात्रि गुरुवार को है। इस मौके पर शिवालयों पर जलाभिषेक के लिए कांवड़ियों के जत्थे दिन भ
गजरौला : महाशिवरात्रि गुरुवार को है। इस मौके पर शिवालयों पर जलाभिषेक के लिए कांवड़ियों के जत्थे दिन भर पैरों में घुंघरू, कांधे पर कांवड़ रखे और मुंह से हर-हर महादेव के उदघोष कर गुजरते रहे। उनकी आवाजाही व स्वागत शिविरों में भक्तिगीतों से शहर का माहौल शिवमयी रहा।
11 मार्च को अपने-अपने क्षेत्रों के शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए दूसरे जनपदों सम्भल, अलीगढ़, बबराला, गवां, खुर्जा, अनूपशहर, बुलंदशहर, गढ़मुक्तेश्वर इत्यादि क्षेत्रों के जत्थे दिन भर गजरौला होकर गुजरते रहे। इनकी भीड़ में महिला-पुरुष, बच्चे, युवतियां, बुजुर्ग और दिव्यांग तक भोले शंकर की भक्ति में मस्त थे। डेढ़ सौ मीटर से अधिक लंबा सफर पैदल तय करने के बाद भी उनके चेहरों पर थकान दूर तक नजर नहीं आ रहीं थी। कुछ श्रद्धालु झांकियों के साथ घंटे-घड़ियाल बजाते व तिरंगा लहराते हुए भी दिखाई दे रहे थे। इनकी आवाजाही को लेकर पुलिस भी सतर्क नजर आई।
चौराहों पर भारी वाहनों को भीड़ के बीच नहीं पहुंचने के लिए रोकटोक कर रही थी। हालांकि इसके बावजूद मंडी धनौरा रोड पर इक्का-दुक्का भारी वाहन दौड़ते नजर आ रहे थे। इसी रोड से कांवड़िया शहर में प्रवेश कर आगे बढ़ रहे थे। स्वागत शिविरों में रही रौनक
गजरौला : मंडी धनौरा रोड, अवंतिका पार्क, बस्ती रोड, गंगा प्याऊ शिव मंदिर, चौपला मंदिर, हसनपुर रोड, नेशनल हाईवे समेत अनेक स्थानों पर सजे पंडालों में कांवड़ियों की भीड़ नजर आई। यहां रुक कर कुछ क्षण आराम फरमाने के साथ भंडारे का प्रसाद ग्रहण कर रहे थे। इन शिविरों-पंडालों पर भोले शिव शंकर की झांकियां भी सजी हैं। डीजे पर बजते भोले के गीतों पर कांवड़िए नृत्य भी कर रहे थे हैं। पूर्व मंत्री चेतन चौहान के नाम से लगाए शिविर में वीर सिंह भगत, नितिन सिघल, दिनेश कुमार, इत्यादि ने शिव भक्तों को प्रसाद ग्रहण कराया। इधर गंगा प्याऊ शिव मंदिर पर राम कृष्ण चौहान, सर्वेश शर्मा, डॉ उत्तम सिंह प्रजापति इत्यादि ने भंडारे का प्रसाद वितरित किया।सीएचसी गेट पर बलवीर गोयल, प्रवेश वर्मा इत्यादि ने कांवड़ियों को फल वितरित किए। आज आएंगे जनपद के कांवड़िया
गजरौला : गुरुवार को शिवालयों में जलाभिषेक के लिए बुधवार को बाहरी कांवड़ियों के जत्थों की भीड़ छंट जाएगी। अपने क्षेत्र के कांवड़ियों के जत्थे पहुंचना आरंभ हो जाएंगे। इनके लिए स्वागत शिविरों के साथ मंदिर परिसर में बनी धर्मशालाओं में ठहरने की व्यवस्था की जा रही है।