कार्तिक पूर्णिमा पर तिगरी में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी

गजरौला : शासन-प्रशासन के प्रतिबंध पर मां गंगे के भक्तों की आस्था भारी पड़ी। मेला नहीं होने के कारण घर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 11:15 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 11:15 PM (IST)
कार्तिक पूर्णिमा पर तिगरी में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी
कार्तिक पूर्णिमा पर तिगरी में हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी

गजरौला : शासन-प्रशासन के प्रतिबंध पर मां गंगे के भक्तों की आस्था भारी पड़ी। मेला नहीं होने के कारण घरों पर रहकर संयम बरत रहे श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा आने पर खुद को नहीं रोक सके। रविवार की शाम से गंगा तटों की ओर उमड़ पड़े। कड़ाके की ठंड और रास्तों पर बैठी की पुलिस की परवाह किए बिना श्रद्धालु मोटर साइकिलों, कार इत्यादि साधनों से तिगरीधाम पहुंचना शुरू हो गए। सोमवार की भोर होते ही गंगा तटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम दिखाई देने लगा। महिला-पुरुष, बच्चों और बुजुर्गों ने मां गंगे को नमन करते हुए हर-हर गंगे और गंगे मैया की जय के उदघोष करते हुए आस्था की डुबकी लगानी शुरू कर दी।

कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र मां गंगे के तटों पर स्नान शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस मौके पर मां गंगे के निर्मल जल में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं। सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसी परंपरा के निर्वहन को शासन-प्रशासन के प्रतिबंध की लक्ष्मण रेखा पार करते हुए हजारों की संख्या में श्रद्धालु तिगरी में गंगा तट पर पहुंचे और स्नान किया। भोर की किरणें फैलने से शुरू हुआ स्नान का यह सिलसिला पुलिस प्रशासन की रोक-टोक और घेराबंदी के बावजूद दोपहर बाद तक चला। इस तरह रविवार को स्नान करने वालों की संख्या 20-25 हजार में आंकी जा रही है, लेकिन खुफिया विभाग ने यह संख्या 10-12 हजार मानकर रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी है।

घाटों पर भोर से जुटी भीड का आलम यह था कि तिगरी में चामुंडा वाले घाट पर पैर रखने की भी जगह नहीं मिल रही थी। बाद में आने वाले और स्नान कर घाट से बाहर जाने वाले श्रद्धालुओं को धक्का-मुक्की से जूझना पड़ रहा था। उधर सुरक्षा की ²ष्टि पुलिस प्रशासन भी मौजूद रहा। डुबकी लगाने के साथ बच्चों का कराया मुंडन

गजरौला : कार्तिक पूर्णिमा पर जुटी भीड़ ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के साथ साथ लाए गए छोटे बच्चों के सिर के बालों का मुंडन भी कराया। ऐसी मान्यता है कि श्रद्धालु मां गंगे की कृपा व आशीर्वाद के लिए बच्चों के बाल यहीं गंगा तट पर मुंडवाते हैं। इस खुशी में यहां पुरोहितों से हवन-कथा इत्यादि कराकर दान-दक्षिणा भी देते हैं। वहीं संतान नहीं होने अथवा परिवार में अन्य तरह की दिक्कतों से मुक्ति के लिए भी मां गंगे से आशीर्वाद को श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।

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