लोक लेखा समिति के सभापति समेत 24 ने सरेंडर किए शस्त्र लाइसेंस
जेएनएन, अमरोहा। असलहों का शौक रखने वालों को अब उससे समझौता करना पड़ रहा है। दो से अधिक शस्त्र लाइसेंस
जेएनएन, अमरोहा। असलहों का शौक रखने वालों को अब उससे समझौता करना पड़ रहा है। दो से अधिक शस्त्र लाइसेंस रखने वाले अपना एक लाइसेंस सरेंडर कर रहे हैं। जिसमें अमरोहा सदर विधायक एवं विधानसभा की लोक लेखा समिति के सभापति महबूब अली, उनकी पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सकीना बेगम व पूर्व विधायक अशफाक अली खां समेत 24 लोग शामिल हैं। सभी ने अपनी बंदूक का लाइसेंस सरेंडर कर उसे दुकानों पर बेच दिया है। इधर जिलाधिकारी उमेश मिश्र ने सरेंडर होने वाले शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं।
कुछ दिन पहले आर्म्स अमेंडमेंट एक्ट आयुध अधिनियम और नए प्रावधानों के मुताबिक प्रदेश सरकार ने आदेश दिए थे कि जिन शस्त्र लाइसेंस धारकों के पास दो से अधिक शस्त्रों के लाइसेंस हैं, उनको अपने असलहे सरेंडर करने होंगे। शस्त्रों को सरेंडर करने की तारीख सरकार द्वारा 13 दिसंबर निर्धारित की गई थी। अगर कोई इस अवधि तक अपने शस्त्र लाइसेंस सरेंडर नहीं करता तो वह स्वत: ही निरस्त मान लिए जाने की बात भी कही थी। जनपद में प्रशासन ने ऐसे 32 लोगों को चिन्हित किया था। इसमें शामिल अमरोहा सदर विधायक महबूब अली, उनकी पत्नी सकीना बेगम, पूर्व विधायक अशफाक अली खां, पूर्व नगर पंचायत चेयरमैन जोया जाहिर हुसैन, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बुद्ध सिंह यादव, पूर्व ब्लॉक प्रमुख अमरोहा जयदेव सिंह समेत 24 लोगों ने अपना तीसरा शस्त्र लाइसेंस सरेंडर कर दिया है जबकि, आठ की सरेंडर की कार्रवाई जारी है। अधिकारियों की बात पर यकीन करें तो जल्द ही उनके लाइसेंस भी सरेंडर हो जाएंगे।
जफर अली ने तीनों लाइसेंस किए सरेंडर
अमरोहा: दो से अधिक लाइसेंस सरेंडर प्रक्रिया के दौरान जनपद के रहने वाले कारोबारी जफर अली ने अपना एक नहीं बल्कि तीनों शस्त्र लाइसेंस सरेंडर कर दिए। इसके अलावा उनको दुकानों पर बेच दिया है। इधर, डीएम ने उनके तीनों लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं।
नहीं मिल रहे असलहों के खरीदार
अमरोहा: शासन के आदेश पर दो से ज्यादा असलहे रखने वाले 24 माननीयों व अन्य लोगों ने अपने बाकी लाइसेंस सरेंडर कर दुकानदारों को बेच दिए हैं। इधर, दुकानदार उनको नहीं बेच पा रहे हैं क्योंकि, ज्यादातर सिगल बैरल की बंदूकें हैं। जिन्हें खरीदने में लोग ज्यादा दिलचस्पी नहीं लेते हैं। इसलिए वह दुकानों पर ही रखी हैं। इधर, नए शस्त्र लाइसेंस भी नहीं बन पा रहे हैं। वर्जन-
-- दो से ज्यादा शस्त्र लाइसेंस सरेंडर करने की तारीख बीत गई है। अभी तक जितने भी लाइसेंस सरेंडर हुए हैं, उनको निरस्त कर दिया गया है। अन्य पर भी यही कार्रवाई की जाएगी। अभी प्रक्रिया चल रही है। -- उमेश मिश्र, जिलाधिकारी