पीढि़यों से मुस्लिम परिवार निभा रहा दशहरा मेले की परंपरा
दो दिवसीय इन्हौना मेले की हुई शुरुआत दशहरा मेले में उमड़े लोग रामलीला का मंचन संग धू-धूकर जला रावण
अमेठी: इन्हौना कस्बे में दो दिवसीय दशहरा मेला का मंगलवार को शुभारंभ हुआ। पहले दिन रामलीला के अंतर्गत लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध, राम रावण युद्ध का सजीव मंचन किया गया। इसके पश्चात पुतला दहन किया गया। आपसी सद्भाव की मिसाल इस मेले की अपनी अलग पहचान है। दूर दराज से बड़ी संख्या में महिला, पुरुष और बच्चे मेले का आनन्द उठाने पहुंचे।
मेले में आयोजित रामलीला कार्यक्रम की शुरुआत आयोजक चौधरी वहाज अख्तर ने किया। रामलीला का मंचन सीता हरण से शुरू होकर रावण वध के बाद समाप्त हुआ। मारीच की मृग लीला, सीता हरण, अशोक वाटिका और महाबली हनुमान द्वारा लंका दहन का मंचन देख जनसमूह भावविभोर हो उठा। जटायु और हनुमान के पात्रों ने सजीव मंचन से दर्शकों का मन मोह लिया। बड़ी संख्या में लोगों ने मेले का लुत्फ उठाया।
दशहरा मेले में हवाई झूला, ट्रेन की सवारी और मौत का कुंआ मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे। बच्चों ने खिलौनों की खरीदारी संग चाट, पकौड़ी, जलेबी और तमाम स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाया। वहीं, महिलाओं ने साज-सज्जा, श्रृंगार आदि सामग्री खरीदी।
वहीं, सुरक्षा व्यवस्था के तहत शिवरतनगंज थानाध्यक्ष विवेक सिंह, चौकी प्रभारी तनुज पाल सहित पुलिस व पीएसी के जवान मुस्तैद रहे। इस मौके पर कांग्रेस नेता मो लतीफ, सुरेश त्रिवेदी, कमलेश अग्निहोत्री, गोपीचंद्र बाजपेई, राकेश त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
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अनूठा है दशहरा मेला:
इन्हौना में प्रत्येक वर्ष लगने वाला यह मेला अपने आप में अनूठा है। साल भर लोग इस मेले का इंतजार करते है। कोरोना संक्रमण के कारण बीते वर्ष मेले का आयोजन स्थगित रहा। दशहरा मेले का आयोजन कस्बे के ही मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखने वाला चौधरी परिवार करता है। पीढि़यों से इस परंपरा का निर्वहन कर रहे चौधरी घराने के वारिस वहाज अख्तर के हाथों में मेले की कमान है। यहां दोनों समुदायों की जुगलबंदी अपने आप मे एक मिसाल है।