पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर अगस्त 2020 से दौड़ेगा यातायात, तय लक्ष्य से पहले काम होगा पूरा
योगी सरकार ने महत्वाकांक्षी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना को तय समय से लगभग एक साल पहले पूरा करने का लक्ष्य तय किया हैै।
अमेठी, जेएनएन। योगी सरकार ने महत्वाकांक्षी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना को तय समय से लगभग एक साल पहले पूरा करने का लक्ष्य तय किया हैै। परियोजना को रफ्तार देने के लिए मुख्य सचिव डॉ.अनूप चंद्र पांडेय ने यूपीडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी के साथ रविवार को लखनऊ से गाजीपुर तक निर्माण कार्य का हवाई सर्वेक्षण कर अमेठी, सुलतानपुर, आजमगढ़ और गाजीपुर में प्रोजेक्ट का मौका मुआयना किया। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर अगस्त 2020 से यातायात चालू कर दिया जाएगा।
लखनऊ से गाजीपुर तक प्रस्तावित पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण आठ पैकेजों (हिस्सों) में कराया जा रहा है। मुख्य सचिव ने बताया कि परियोजना के लिए 96 फीसद भूमि अधिगृहीत की जा चुकी है। बची हुई जमीन का अधिग्रहण 15 दिनों में कर लिया जाएगा। एक्सप्रेस-वे के एलाइनमेंट में आड़े आ रहीं नागरिक सुविधाओं व अन्य ढांचों को भी जून के अंत तक हटाने का निर्देश दिया गया है। अमेठी में पैकेज 1 व 2 के तहत मिट्टी का 45 फीसद काम पूरा हो चुका है। कोशिश होगी कि बरसात के मौसम से पहले मिट्टी पर गिट्टी पड़ जाए और नदी में पानी का बहाव तेज होने से पहले पुलों के निर्माण के लिए पाइल्ड स्ट्रक्चर का काम पूरा हो जाए। परियोजना की थर्ड पार्टी निगरानी अथारिटी इंजीनियर कर रहे हैं।
आगरा एक्सप्रेस-वे का जवाब होगा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे
योगी सरकार अखिलेश राज में बनाये गए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के जवाब में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को मिसाल के तौर पर पेश करना चाहती है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण 36 महीने में पूरा करने का लक्ष्य था। इस हिसाब से इसका निर्माण जुलाई 2021 में पूरा होना था, लेकिन अब इस लक्ष्य को अगस्त 2020 तक ही सरकार हासिल कर लेना चाहती है।
सुलतानपुर में एयरस्ट्रिप बनाने का काम शुरू
यमुना और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं की तरह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर भी भविष्य में हवाई जहाज उतर सकेंगे। यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि इसके लिए सुुलतानपुर में कूरेभार के पास 3300 मीटर एयरस्ट्रिप बनायी जाएगी।
परियोजना एक नजर में
कुल लंबाई 341 किलोमीटर। चौड़ाई छह लेन जिसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है। सूबे के नौ जिलों से गुजरेगी। परियोजना के तहत 19 फ्लाईओवर, सात रेल उपरिगामी सेतु, सात बड़े व 123 छोटे पुल, 223 अंडरपास, 491 कल्वर्ट और चार वायर डक्ट भी बनाये जाएंगे।
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