नगर को अब भी है बस अड्डा व सीएचसी का इंतजार

इलाज के लिए 20 किमी जाना पड़ा है दूर सड़क पर होता है बसों का ठहराव। उपेक्षा का शिकार है जायसी की नगरी उच शिक्षा के लिए नहीं कोई सरकारी डिग्री कालेज।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 11:49 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 11:49 PM (IST)
नगर को अब भी है बस अड्डा व सीएचसी का इंतजार
नगर को अब भी है बस अड्डा व सीएचसी का इंतजार

अमेठी : नगर के साथ ही आसपास के गांवों में रहने वाली लाखों की आबादी को अब भी बस अड्डा व सीएचसी जैसे सुविधाओं का इंतजार है। इलाज के लिए लोगों को फुरसतगंज व गौरीगंज के चक्कर लगाने पड़ते हैं। वहीं सीएचसी न होने के कारण लोगों को इलाज के लिए फुरसतगंज व गौरीगंज के चक्कर लगाना पड़ता है।

सुलतानपुर-रायबरेली हाईवे पर मलिक मोहम्मद जायसी इंटर कालेज के सामने रोडवेज की बसों का ठहराव होता है। जिससे आए दिन हादसे का भय बना रहता है। नगर में उच्च शिक्षा के लिए पंकज महेश्वरी स्मृति महाविद्यालय को छोड़ दिया जाय तो कोई और कालेज नहीं है। सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी व गुरू गोरखनाथ की जन्मस्थली पर कुछ ऐसा नहीं है, जिसे देख कर लोगों को सुखद एहसास हो सके।

नगर पालिका परिषद जायस अध्यक्ष महेश प्रताप सोनकर ने बताया कि स्वास्थ्य व यातायात की समुचित सुविधाएं शासन स्तर से मिलने वाली हैं, जिनके लिए लगातार प्रयास हो रहा है। सांसद स्मृति ईरानी जायस नगर के विकास को लेकर गंभीर हैं। नगर में लगातार विकास के कार्य हो रहे हैं।

सुनिए लोगों की पीड़ा :

नगर के पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष मोहम्मद रजी अंसारी कहते हैं कि ऐतिहासिक नगर जायस में हमेशा राजनैतिक दलों ने विकास के नाम पर छलावा किया। गुडडु इदरीसी कहते हैं कि नगर पालिका शायद देश में ऐसी इकलौती नगर पालिका होगी। जहां के बाशिदे आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। बुजुर्ग नवाब खान कहते हैं कि जायस में शिक्षा की समुचित व्यवस्था नहीं है। जिससे होनहार छात्रों के साथ साथ छात्राएं भी अच्छी तालीम से वंचित हैं। सिकंदर अंसारी, महेन्द्र बंसल, सुशील साहू कहते हैं कि नगर की हालत बद से बदतर होती जा रही है।

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