गरीब परिवारों अब तक नहीं नसीब हुई छत
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से की जांच की मांग शपथ पत्र के साथ की शिकायत
अमेठी : बजट भी है, और संसाधन भी। इसके बावजूद गरीबों को एक अदद छत नहीं मिल पा रही है। आलम यह है कि जनप्रतिनिधि मनमाने ढंग से अपने चहेतों को आवास उपलब्ध करवा रहे हैं। जिससे वास्तव में गांव में रह रहे गरीब परिवार के लोग कड़ाके की ठंड में झोपड़पट्टी में परिवार के साथ गुजर-बसर कर रहे हैं। विकासखंड भादर के बिसुनदासपुर गांव को ही यदि हम लें तो गांव की कुमारी देवी ,शांती देवी और गेंदा सहित दर्जनों परिवार को आज तक आवास मुहैया नहीं हो सका है। यदि ग्रामीणों की माने तो जिम्मेदारों ने अपने चहेतों को आवास उपलब्ध करवाया गया है। विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से जिसमें ज्यादातर लोग अपात्र ही हैं और पात्र वंचित हैं। रोटी, कपड़ा और मकान लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं में है। रोटी का इंतजाम तो वह किसी तरह कर लेते हैं। कपड़ा भी मिल जाता है। लेकिन, आवास बनाना इस महंगाई में आसमान से तारे तोड़ने जैसा है। जबकि शासन की मंशा है कि हर गांव के निर्धन परिवार को आवास उपलब्ध कराया जाए। प्राथमिकता घास फूस की झोपड़पट्टी में रह रहे गरीब परिवारों के लिए है लेकिन, विकासखंड के कई गांव में दिया गया आवास इसके उलट है। बिसुनदासपुर गांव निवासी शिवराज सहित क्षेत्रवासियों ने जिलाधिकारी को इस अनियमितता की शिकायत भी मय शपथ पत्र करके प्रत्येक गांव की जांच करवाए जाने की मांग की है। बताया जाता है कि इस समय गांव में आवास का आवंटन तेजी से किया जा रहा है लेकिन, उनमें ज्यादातर अपात्र हैं जो रिश्वत देकर ले लिए हैं और गरीब पात्र वंचित रह गए हैं। कमोवेश यही हाल क्षेत्र के दूसरे गांवों का भी है।
-जरूरतमंदों को मिलेगा आवास
उप जिलाधिकारी अमेठी योगेंद्र सिंह कहाकि शिकायत की जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी। तहसील के गांवों में पात्र लोगों को आवास मुहैया कराया जाएगा। किसी भी स्तर पर मनमानी नहीं होने दी जाएगी।