अशोक, तहसीन व सदरुल निशा निर्वाचित हुई प्रधान
सोमवार को जिले के तीन ग्राम प्रधान एक क्षेत्र पंचायत सदस्य व 47 ग्राम पंचायत सदस्य पद की मतगणना हुई।
सोमवार को जिले के तीन ग्राम प्रधान, एक क्षेत्र पंचायत सदस्य व 47 ग्राम पंचायत सदस्य पद की मतगणना सुबह आठ बजे शुरू हुई। दोपहर तक सभी का परिणाम घोषित कर दिया गया। मतगणना के दौरान किसी प्रकार की घटना न घटित हो इसके लिए भारी संख्या में पुलिस बल मतगणना स्थल पर तैनात रही।
विकास क्षेत्र जगदीशपुर के सिधियावा ग्राम प्रधान के लिए तहसीन बेगम 1845 मत पाकर प्रधान निर्वाचित हुई। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी प्रत्याशी आशमा खातून को 664 मतों से पराजित किया। शाहगढ़ के कुशबैरा ग्राम प्रधान के लिए श्रीमती कुमारी ने अपने प्रतिद्वंदी प्रत्याशी विमला को 203 मतों से परास्त कर प्रधान निर्वाचित हुई। जबकि मुसाफिरखाना के पलिया चंदापुर ग्राम प्रधान के रूप में जनता ने पूर्व प्रधान के बेटे अशोक कुमार पर विश्वास जताया। अशोक कुमार ने कुल 630 मत पाकर अपने प्रतिद्वंदी उदयराज को 241 मतों से हराया। अपर जिलाधिकारी सुशील प्रताप सिंह ने बताया कि सोमवार को तीन ग्राम प्रधान, एक क्षेत्र पंचायत सदस्य के साथ ही 47 ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए मतों की गणना की गई। शांति पूर्ण तरीके से दोपहर तक मतों की गणना करके सभी परिणाम घोषित कर दिए गए थे। कहीं पर किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं हुई।
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शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण करें अधिकारी : डीएम
जागरण संवाददाता, अमेठी : जिलाधिकारी अरुण कुमार ने सोमवार को जनता दर्शन के दौरान कलेक्ट्रेट कार्यालय में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए जन सामान्य की समस्याएं सुनी एवं उनके निस्तारण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने जनता दर्शन में आए लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव हेतु शारीरिक दूरी का पालन करें, मास्क लगाएं तथा साफ-सफाई व सैनिटाइजेशन पर नियमित रूप से ध्यान दें। 18 वर्ष से ऊपर आयु के सभी व्यक्ति अपना कोविड टीकाकरण अवश्य कराएं। जिलाधिकारी की जन सुनवाई में शिकायतों बाढ़ सी दिखी। पचास से अधिक लोगों ने जिलाधिकारी को अपनी पीड़ा सुनाई। पुलिस से संबिधित शिकायतों के साथ राजस्व व जल निकासी से जुड़े मामले अधिक थे। डीएम ने सभी की पीड़ा सुनने के बाद निस्तारण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि जन सामान्य की शिकायतों को लंबित न रखा जाए। शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जाए। शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।