शौचालय में ताला बंद, पूरा नहीं हो रहा स्वच्छता मिशन का मकसद

प्रधान के पास रहती है चाबी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 11:28 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 11:28 PM (IST)
शौचालय में ताला बंद, पूरा नहीं हो रहा स्वच्छता मिशन का मकसद
शौचालय में ताला बंद, पूरा नहीं हो रहा स्वच्छता मिशन का मकसद

अमेठी :स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत बनाए गए सामूदायिक शौचालयों पर ताला लटक रहा है। इससे निजी शौचालयों से वंचित जरूरतमंद लोग उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए इन सामुदायिक शौचालयों में महिला और पुरुष के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है। इनके संचालन और साफ सफाई का जिम्मा महिला स्वयं सहायता समूह को सौंपा गया है। 58 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 56 शौचालय का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि जिजौली व करनगांव में निर्माण अधूरा है। संचालन न होने से ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर हैं।

कागजों पर भले ही संचालन का दायित्व महिला समूहों को दिया गया हो,लेकिन हकीकत यह है कि शौचालय की चाबी ग्राम प्रधान के घर में रहती है। कई महिला समूह ऐसे भी हैं। जिन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है, कि उनके ग्राम पंचायत में बने सामुदायिक शौचालय के संचालन की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है। वहीं फत्तेपुर प्रधान अमरेश मिश्र कहते हैं कि समूह की महिलाएं संचालन में रुचि नहीं ले रही हैं। रतवलिया मैंझार ग्राम सभा के प्रधान सतीश कुमार कहते हैं कि शौचालय के संचालन के लिए जिम्मेदार समूह को कई बार कहा गया, लेकिन कोई चाबी लेने के लिए नहीं आया। लोगों ने बताया कि इस बारे में अधिकारियों से शिकायत की गई है।

- निर्मित सामुदायिक शौचालय

ग्राम पंचायत - 58

स्वीकृत शौचालय- 58

पूर्ण शौचालय - 56

अधूरे पड़े - 2

संचालन के लिए चयनित समूह - 58

समूहों को हैंड ओवर शौचालय - 58

2 सीटर शौचालय का बजट - 3.85 लाख

4 सीटर शौचालय का बजट - 5.80 लाख

6 सीटर शौचालय का बजट- 7.40 लाख

दो शौचालय अभी अधूरे हैं। सभी के संचालन की जिम्मेदारी समूहों को दी जा चुकी है। अब तक संचालन क्यों नहीं शुरू हुआ, इसकी जानकारी की जाएगी।

शरद कुमार, प्रभारी बीडीओ, सिंहपुर

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