बजट के अभाव में आइटीआइ का निर्माण रुका
वर्ष 2017-18 में निर्माण को मिली थी मंजूरी किस्त न मिलने से वर्कशाप का निर्माण और फिनिशिग का काम अधर में लटका।
संवादसूत्र, सिंहपुर : शिक्षा के मंदिर के निर्माण में धन का अभाव बाधक बन गया है। इससे निकट भविष्य में बच्चों को तकनीकी ज्ञान हासिल हो पाने की उम्मीदों को झटका लगा है। आइटीआइ भवन निर्माण में लगे जिम्मेदार भी इस बात से आशंकित हैं कि यदि शेष बजट जल्द न पास हुआ तो विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से इसका निर्माण अधर में लटक सकता है।
युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री व सांसद स्मृति इरानी के प्रयास से इन्हौना में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के निर्माण को मंजूरी दी गयी थी। इसके लिए वर्ष 2017-18 में आइटीआइ के निर्माण के लिए बजट मंजूर कर दिया गया। निर्धारित बजट के सापेक्ष प्रथम किस्त के रूप में आधी राशि मिलने के बाद कार्यदायी संस्था ने तेजी से काम शुरू कर दिया। बाउंड्रीवाल, मुख्य भवन आदि बनकर तैयार हो गए। वहीं दूसरी किस्त न मिल पाने से वर्कशाप का निर्माण और फिनिशिग का काम अधर में लटक गया है। धनाभाव के चलते करीब दो महीने से आईटीआई का निर्माण ठप है। यदि जल्द ही निर्माण न शुरू हुआ तो स्थानीय युवाओं को तकनीकी कौशल हासिल करने के लिए लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ सकता है।
- एक नजर में बजट
मंजूर बजट - 7.80 करोड़ प्राप्त धन - 3.90 करोड़ शेष बजट - 3.90 करोड़ कार्यदायी संस्था- उप्र राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड -इन ट्रेडों की होगी पढ़ाई
आइटीआइ बन जाने से स्थानीय युवाओं में तकनीकी ज्ञान हासिल होने की उम्मीद जगी थी। संस्थान शुरू होने पर बच्चों को इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रिशियन, प्लम्बर, मैकेनिकल व इलेक्ट्रिक मेंटिनेंस सहित कई ट्रेड की पढ़ाई कर सकेंगे।
-40 किमी दूर जाते हैं बच्चे स्थानीय स्तर पर कोई संस्थान न होने से युवाओं को 20 किलो मीटर से अधिक दूरी तय कर तकनीकी शिक्षा के लिए मोहनगंज व 40 किमी दूर जगदीशपुर जाना पड़ता है।
-बजट मिलते ही शुरू होगा निर्माण कार्य
जितना बजट मिला था, उतना कार्य पूरा करा दिया है। शेष बजट के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। बजट मिलते ही निर्माण कार्य फिर शुरू कराया जाएगा।
नितिन त्रिपाठी
अवर अभियंता