आंखों में लौटेगी रोशनी तो रोशन होगा जहां

अमेठी : जिले के मुंशीगंज कोतवाली के परभनपुर गांव निवासी अयोध्या प्रसाद वर्तमान में मुसाफिरखान

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 12:53 AM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 12:53 AM (IST)
आंखों में लौटेगी रोशनी तो रोशन होगा जहां
आंखों में लौटेगी रोशनी तो रोशन होगा जहां

अमेठी : जिले के मुंशीगंज कोतवाली के परभनपुर गांव निवासी अयोध्या प्रसाद वर्तमान में मुसाफिरखाना कोतवाली के दखिन गांव में वर्ष 1980 में हुई बैजनाथ सिंह की हत्या के मामले में पांच साल की सजा काट रहे है। परिजनों की माने तो जेल में सजा के दौरान उनकी दोनों आंखों की रोशनी खत्म हो गई है। एक माह पूर्व पत्‍‌नी श्यामा सिंह जब मुलाकात करने गई तो उन्हें इस बात की जानकारी मिली। अब जब आने वाली दो अक्टूबर को अयोध्या प्रसाद की रिहाई की आस जगी है तो परिजन भी बूढ़ी आंखों में एक बार फिर रोशनी लाने की जुगत में लग गए हैं। परिजनों का कहना है कि जेल से आने के बाद सबसे पहले हम उनकी आंखों का इजाज कराएंगे। रिहाई की आस के बीच गांव में कुनबा भी एकजुट होने लगा है। वैसे से अयोध्या प्रसाद के परिवार में उनकी बूढ़ी पत्‍‌नी के अलावा पुत्र मनोज सिंह व उनकी पत्‍‌नी साधना सिंह के साथ ही दो पोते भी हैं। मनोज परिवार की जीविका चलाने के लिए पंजाब के लुधियाना में नौकरी करते हैं। पिता की रिहाई बात सुन वह भी घर आने वाले हैं। वहीं गांव में पत्‍‌नी के साथ बहू ने जेल से रिहा हो रहे अयोध्या प्रसाद की इलाज के लिए जरुरी संसाधान जुटाने में लगे हुए है। बूढ़ी श्यामा सिंह पति की रिहाई की खबर से खासी खुश हैं और कहती हैं कि ऊपर वाले की कृपा हुई तो एक बार वह फिर देख पायेंगे।

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