मौसम की बेरुखी से किसान परेशान
बादलों की आवाजाही से गेहूं की मढ़ाई बाधित हो रही। बुधवार को पूरे दिन आसमान में बदल छाए रहे।
अमेठी : पिछले दिनों से बादलों की आवाजाही व तेज हवाओं के चलते गेहूं की मड़ाई में बाधा उत्पन्न हो रही है। जिसके चलते अन्नदाता अपनी खड़ी गेहूं की फसल को बचाने की जुगत में खासा परेशान है। बुधवार को पूरे दिन आसमान में बदल छाए रहे। वहीं तीन दिन पहले रविवार को भी मौसम का मिजाज कुछ ऐसा ही था।
दिलचस्प है कि क्षेत्र के अधिकांश बड़े किसान तो अपनी फसल काट चुके हैं। लेकिन, छोटे व मंझले किसानों का गेहूं अभी भी खेतों में मड़ाई के लिए खड़ा है। बीते रविवार से बादलों की आवाजाही व तेज हवाओं के चलते छोटे किसान गेहूं मड़ाई को लेकर हलाकान दिख रहे है। किसान मुश्ताक अहमद, ननकऊ, घिर्राऊ, रामजियावन, पवन, दातादीन, भुल्लन यादव आदि की मानें तो अभी सिवान में 40 फीसदी गेहूं की फसल खड़ी है। कुछ खेतों में कटाई तो हो गई है। लेकिन, मड़ाई अभी नहीं हो पाई। दो दिन से मौसम के मिजाज बिगड़ने से भी गेहूं की कटाई पर असर दिख रहा है। किसान भरत यादव व रामदेव ने बताया कि क्षेत्र के रूदौली, धरौली, वरना, मुबारकपुर आदि गांवों में गेहूं की कटाई जोरों पर चल रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि एक सप्ताह के भीतर ही गेहूं की कटाई समापन की ओर रहेगी।
आसमान में बादलों का डेरा, किसानों को चिताओं ने घेरा :
सुलतानपुर : खेतों में रबी की फसल गेहूं पकी खड़ी है तो कहीं काटी जा चुकी है, लेकिन बुधवार का आसमान में मंडराने वाले काले बादलों ने किसानों की चिता में डाल दिया है। सुबह तेज धूप के बाद दस बजे के करीब मौसम में परिवर्तन हुआ और आसमान में बादल छा गए। थोड़ी ही देर बाद बूंदाबादी भी शुरू हो गई। हालांकि थोड़ी ही देर में पानी रूकने के बाद किसान फसलों को बचाने में जुट गए। जिले के बल्दीराय, लम्भुआ, जयसिंहपुर, कादीपुर आदि तहसील क्षेत्रों में भी बूंदाबादी हुई। अचानक मौसम के बिगड़े तेवर से किसानों की सांस अटक गई है। किसानों का कहना है कि अगर तेज बारिश हो गई तो उनकी साल भर की मेहनत पर पानी फिर जाएगा।