गुरु गोरखनाथ व महा कवि जायसी के जन्म स्थल का होगा विकास
- अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में जायस आ सकते हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ -जायसी के पैतृक आवास जायसी स्मारक व गुरु गोरखनाथ की जन्म स्थली संगत के सुंदरीकरण के साथ साथ पर्यटन स्थल बनाने की हो सकती है घोषणा
वहीद अब्बास नकवी, अमेठी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संभावित दौरे को लेकर कला व साहित्य की नगरी जायस एक बार फिर चर्चा में है। अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में मुख्यमंत्री गुरु गोरखनाथ और महा कवि जायसी की नगरी जायस आ सकते हैं। नगर के मोहल्ला चौधराना मुंशीगंज स्थित गुरु गोरखनाथ की जन्म स्थली संगत, नगर के मोहल्ला कंचाना स्थित महाकवि मलिक मोहम्मद जायसी के पैतृक आवास, जायसी स्मारक का दौरा करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री गुरु गोरखनाथ की जन्म स्थली संगत व जायसी की जन्म स्थली, जायसी स्मारक के सुंदरीकरण के साथ साथ दोनों स्थलों को पर्यटन स्थल घोषित कर सकते हैं। साथ ही जायस की जनता के लिए कई बड़ी सौगातों का एलान भी कर सकते हैं।
पद्मावत, अखरावट, आखरी कलाम जैसी करीब दो दर्जन विश्व स्तरीय काव्य के रचयिता महाकवि मलिक मोहम्मद जायसी की जन्म स्थली जायस ही देश भर में अलख निरंजन का डंका बजाने वाले गुरु गोरखनाथ की भी जन्म स्थली है। जो नगर के मोहल्ला चौधराना मुंशीगंज स्थित संगत के नाम से जानी जाती है। नगर के बुजुर्ग पंडित ज्वाला प्रसाद, घनश्याम महेश्वरी, दया शंकर पाण्डेय, अनिल जैन का कहना है कि करीब 15 एकड़ भूमि क्षेत्र वाले संगत पर पहले नाथ संप्रदाय के साधु आते थे। महा कवि जायसी ने भी अपनी रचनाओं में नाथ संप्रदाय का प्रमुखता से वर्णन किया है। संगत के नाम से पहचाने जाने वाले टीले पर बारादरी के अवशेष आज भी मौजूद है। यहां विशाल सगरा के साथ साथ 500 वर्ष पुराना नीम का पेड़ भी है। इसकी छाया में बैठकर गुरु गोरखनाथ तप किया करते थे। यहां गुरु गोरखनाथ जी के शिष्य गुरु महाराज बाबा की समाधि भी मौजूद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संभावित दौरे के बारे में भाजपा तिलोई विधायक मयंकेश्वर शरण सिंह व नगर पालिका अध्यक्ष महेश प्रताप सोनकर का कहना है कि मुख्यमंत्री अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में जायसी स्मारक व गुरु गोरखनाथ जी की जन्म स्थली संगत आ सकते हैं।