मनरेगा भुगतान की जांच में दोषी खंड विकास अधिकारी की सेवा समाप्त

- नियम विरुद्ध कार्य करने पर की गई कार्रवाई - संयुक्त विकास अयुक्त प्रयागराज ने की मामले की जांच

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 11:27 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 11:27 PM (IST)
मनरेगा भुगतान की जांच में दोषी खंड विकास अधिकारी की सेवा समाप्त
मनरेगा भुगतान की जांच में दोषी खंड विकास अधिकारी की सेवा समाप्त

अमेठी : मनरेगा के भुगतान व कार्यों में अनियमितता बरतने व नियम का पालन न करने के कारण खंड विकास अधिकारी को नौकरी से हाथ धोना पड़ गया है। संयुक्त विकास आयुक्त प्रयागराज की जांच में उन्हें दोषी पाए जाने पर सेवा समाप्त कर दी गई है।

अमेठी में तैनात रही खंड विकास अधिकारी कुसुमलता को उनके खिलाफ चल रही अनियमितता की जांच को लेकर आयुक्त ग्राम्य विकास कार्यालय लखनऊ संबद्ध कर दिया गया था। प्रतापगढ़ जिले के ब्लाक संडवा चंद्रिका में खंड विकास अधिकारी के पद पर तैनाती के दौरान बीडीओ कुसुमलता ने मनरेगा के नियमों को दरकिनार कर लाखों रुपये का भुगतान कर दिया था। मामले की जांच संयुक्त विकास आयुक्त प्रयागराज को शासन ने सौंपा था। बीडीओ पर कुल अनियमितता के आठ आरोप लगे थे। उन्होंने 94 परियोजनाओं पर कार्य कराए जाने के सापेक्ष 54 पत्रावली उपलब्ध कराई है। बीडीओ ने मनरेगा के 60-40 के अनुपात का भी पालन नहीं किया था। उन्होंने ग्राम पंचायत गडवारा में ग्राम प्रधान द्वारा मांग पत्र व एस्टीमेट के बिना ही पांच लाख 37 हजार दो सौ रुपये का भुगतान कर दिया। वहीं नरी ग्राम पंचायत में पांच लाख 71 हजार दो सौ रुपये का भुगतान नियम के खिलाफ कर दिया था। गला फंसता देख उन्होंने किए गए भुगतान की रकम वापस लेकर मनरेगा खाते में जमा करा दिया। बीडीओ कुसुमलता ने इस प्रकार कई अनियमितता की दोषी मिली हैं। उनके द्वारा भुगतान से पहले पत्रावलियों की जांच नहीं करने की दोषी मिली हैं। इस प्रकार वे कई नियमों के खिलाफ कार्य करने की दोषी मिलने पर जांच अधिकारी की रिपोर्ट व शासन की सिफारिश पर राज्यपाल ने उनकी सेवा समाप्त कर दी है। इस संबंध में परियोजना निदेशक आशुतोष कुमार दुबे ने कहा कि बीडीओ की सेवा समाप्ति की प्रति विभाग को प्राप्त हुई है।

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