आठवीं मुहर्रम हुसैनी फौज के सेना नायक गाजी अब्बास के नाम
कोरोना संक्रमण के चलते नहीं उठा तम्माना सैदाना का ऐतिहासिक आठ मुहर्रम का जुलूस
अमेठी : नगर में इस साल भी कोरोना महामारी के चलते शहीदाने कर्बला का मुहर्रम शारीरिक दूरी के साथ ही मनाया जा रहा है। बुधवार को मोहर्रम की आठवीं तारीख थी। आठ मुहर्रम सन 61 में मोहम्मद साहब के निवासे ह•ारत इमाम हुसैन और तत्कालीन तानाशाह शासक यजीद के बीच हुई हक और बातिल, सत्य और असत्य की जंग में इमाम हुसैन के 72 साथियों की फौज के सेनापति अब्बासे गाजी थे। इस जंग में इमाम हुसैन ने अपने सभी साथियों के साथ मानवता को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी और शहादत हासिल की। आठ मुहर्रम कर्बला की जंग में इमाम हुसैन के सेना नायक ह•ारत अबुल फजलिल अब्बास के नाम से जोड़कर देखा जाता है। इसी लिए आठ मुहर्रम को गा•ाी अब्बास का बड़ा आलम, पंजा और जुलजनाह (दुल दुल) का जुलूस उठाया जाता है। लेकिन, इस बार लगातार दूसरे साल भी देश भर में फैले कोरोना महामारी के चलते आठ मुहर्रम का जुलूस नहीं निकाला जा सका लेकिन, आठ मुहर्रम को शासन की गाइड लाइन का पालन करते हुए नगर में आठवीं मुहर्रम की विशेष मजलिसें हुई। लोगों ने अजाखानों में गाजी अब्बास का बड़ा अलम सजाया, सामूहिक हाजरी का आयोजन हुआ और घर घर गाजी अब्बास, जनाबे सकीना और कर्बला के सबसे कमसिन छह माह के शहीद हजरत अली असगर की नजर दिलाई गई। बुधवार दोपहर में नगर के मोहल्ला कंचाना स्थिति मीर अली मोहम्मद कर्बलाई के अजाखाने, स्व इरशाद अली के अजाखाने, नादिर महेल और रात में इमाम बारगाह वक्फे सामिनया में आयोजित आठवीं मुहर्रम की विशेष मजलिसों में अनीस रिजवी, वहीद जायसी, नफीस हुसैन ने तारीखी मर्सिया पेश किया। मजलिसों में सोजखानी वफा हेदर, निसार हैदर, शुजा हुसैन ने की। तारीखी नौहा हसन नवाब, सलमान अब्बास, शकेब हुसैन, शाहिद, शुजा हुसैन ने पेश किया।