स्वास्थ्य केंद्र में संसाधन के साथ चिकित्सक का भी आभाव

यहां डा. राजेन्द्र प्रसाद की नियुक्ति है लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक न होने के कारण वह वहीं संबद्ध हैं। पिछले कई महीने से यहां कोई चिकित्सक नहीं बैठता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 12:43 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 12:43 AM (IST)
स्वास्थ्य केंद्र में संसाधन के साथ चिकित्सक का भी आभाव
स्वास्थ्य केंद्र में संसाधन के साथ चिकित्सक का भी आभाव

अमेठी : जिले की बदहाल स्वास्थ्य सुविधा का सच देखना हो तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सत्थिन का देखें। यहां कर्मचारियों से लेकर सुविधाओं तक का अभाव बना हुआ है। क्षेत्र के मरीजों का इलाज एक मात्र फार्माशिष्ट ही करता है। आला लगाने से लेकर मरहम पट्टी व दवा देने तक का काम फार्माशिष्ट ही करता है।

यहां डा. राजेन्द्र प्रसाद की नियुक्ति है लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक न होने के कारण वह वहीं संबद्ध हैं। पिछले कई महीने से यहां कोई चिकित्सक नहीं बैठता है।

परिसर बना जंगल : स्वास्थ्य केंद्र परिसर साफ सफाई के अभाव में जंगल से दिखने लगा है। यहां उगे जंगली पेड़ व झाड़ ही इसकी पहचान हैं। परिसर को देखने से ऐसा प्रतीत होता है। जैसे निर्माण के बाद इसकी सफाई न हुई हों।

खंडहर हो गए आवास : परिसर में बने स्टाफ आवास खंडहर होते जा रहे हैं। इनमें आज तक कोई रहा भी नहीं। रख रखाव के अभाव में इनमें लगीं शीशे की खिड़कियां भी टूट गई हैं।

एएनएम की नियुक्ति नहीं : एक वर्ष पहले यहां नियुक्त एएनएम विमला सिंह के पति की हत्या के बाद उसका तबादला हो गया। उसके बाद विभाग ने यहां किसी एएनएम की नियुक्ति नहीं की गई।

यहां होता है प्रसव : इसे प्रसव केंद्र बनाया गया है। इसके लिए हेल्थ वेलनेस सेंटर पर कार्यरत स्टाफ नर्स नीतू को जिम्मेदारी दी गई है। वह एक मात्र स्वास्थ्य कर्मी हैं। जो अस्पताल परिसर में रहकर अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रही है।

स्वीपर वार्ड व ब्वाय नहीं : यहां पिछले कई वर्षों से स्वीपर व वार्ड ब्वाय की विभाग ने नियुक्ति नहीं की है। अस्पताल के सभी कार्य एक मात्र फार्माशिष्ट ही करता है।

स्थानीय लोगों की परेशानी : क्षेत्र के मो. अय्यूब, राजेश, नन्दलाल व हसन बताते हैं कि यहां अपेक्षाकृत स्वास्थ्य सुविधा न मिलने से उन्हें प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ता है। जहां उनसे जमकर धन उगाही की जाती है।

जिम्मेदार के बोल : सीएचसी अधीक्षक डा. सुशील कुमार कहते हैं कि यहां डाक्टर जरूर नियुक्त है। लेकिन सीएचसी पर उनसे काम लिया जाता है। स्टाफ की कमी के चलते जो स्टाफ उन्हें मिला है। उसी में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का प्रयास है।

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