एसडीएम और तहसीलदार के विरुद्ध अधिवक्ताओं का प्रदर्शन जारी
दोनों अधिकारियों का तबादला न हो जाने तक कार्य से विरत रहनेका फैसला किया है।
अमेठी : उपजिलाधिकारी और तहसीलदार की कार्यशैली से नाराज अधिवक्ता आंदोलित हैं। दोनों अधिकारियों के स्थानांतरण न होने तक अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य से बिरत रहने का फैसला किया है। अध्यक्ष बार एसोसिएशन सदाशिव पांडेय व सचिव उपेंद्र शुक्ल की अगुवाई में अधिवक्ताओं ने सोमवार को भी तहसील में जोरदार प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में एसडीएम व तहसीलदार कार्यालय के सामने नारेबाजी की। अधिवक्ताओं का कहना है कि दोनों अधिकारियों का रवैया न तो आमजनता के प्रति ठीक हैं और न ही अधिवक्ताओं के साथ ही इनका कार्य व्यवहार। इनका व्यवहार तानाशाह की तरह है। अधिवक्ताओं की टीम ने कई बार इन अधिकारियों से वार्ता कर माहौल ठीक बनाने की कोशिश हुई, लेकिन अधिकारियों का रवैया पहले की तरह ही रहा। कार्य व्यवहार में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी से अधिवक्ता नाराज चल रहे हैं। प्रदर्शन में धर्मेंद्र नाथ शुक्ला, कुद्दुस खान,अंजनी पांडेय, बृजेश पांडेय, राम प्रताप यादव,त्रियुगी नारायण मिश्रा, विनोद पांडेय, हरिपाल सिंह ,जगदम्बा शुक्ल, संग्राम सिंह, सत्य प्रकाश, अखिलेश मौर्य, सुदीप श्रीवास्तव, सहित बार एसोसिएशन से जुड़े सभी अधिवक्ता मौजूद रहे। नौ गांवों में लो वोल्टेज, प्रधानों ने की शिकायत
संवादसूत्र, बाजारशुकुल(अमेठी): क्षेत्र की नौ ग्राम पंचायतों में आज भी जगदीशपुर विद्युत वितरण उपकेंद्र से बिजली आपूर्ति की जा रही है। जब कि पास में ही सत्थिन उपकेंद्र की स्थापना की जा चुकी है। 25 किमी दूर से हो रही बिजली आपूर्ति के कारण पोषित गांवों में लो वोल्टेज की समस्या आम हो गई है।
मकदूमपुर, मोहद्दीनपुर, जौदिलमऊ, बदलगढ़, बख्तावर नगर, नांदी, शेखपुर भड़रा, बाहरपुर व बुदहा गांवों की विद्युत आपूर्ति आज भी पहले जैसे चल रही है। इन ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों ने लो वोल्टेज की समस्या को देखते हुए लखनऊ मध्यांचल विद्युत विभाग को लिखित प्रार्थना पत्र देकर गांवों को सत्थिन उपकेंद्र से आपूर्ति किए जाने की मांग की है। इन गांव के प्रधान जाबेद अहमद, एखलाक,शकील,जगदम्बा यादव, मेंहदी, रंजीत सिंह, मनीराम यादव, महराजदीन, तकी अहमद, बैजनाथ गुप्ता,नजीर आदि ने लो वोल्टेज की समस्या से निजात दिलाए जाने की मांग उच्चाधिकारियों से की है। अवर अभियंता राम यज्ञ दुबे ने उच्च अधिकारियों के स्तर का मामला बता कर पल्ला झाड़ लिया है।