पूरा हुआ सपना, पक्के मकान के बने मालिक
आसमुन्निशा अब अपने पक्के मकान में रहती हैं और सरकार की योजना को दुआएं देती हैं। यह तो मात्र बानगी भर है। 4859 ऐसे परिवार हैं जो प्रधानमंत्री आवास योजना की बदौलत पक्के आशियाने के मालिक बन गए हैं।
अग्निवेश मिश्र, सिंहपुर (अमेठी)
भवानीपुर गांव की आसमुन्निशा लंबे समय से कच्चे मकान में निवास कर रही थीं। जर्जर हो चुका मकान बारिश में ढह गया तो इन्हें अपने भाई के घर में शरण लेना पड़ा। छह साल पहले केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत ग्राम प्रधान और सचिव ने आवेदन भरवाया तो इनका पक्के मकान का सपना साकार हो गया।
आसमुन्निशा अब अपने पक्के मकान में रहती हैं और सरकार की योजना को दुआएं देती हैं। यह तो मात्र बानगी भर है। 4859 ऐसे परिवार हैं, जो प्रधानमंत्री आवास योजना की बदौलत पक्के आशियाने के मालिक बन गए हैं। आसमुन्निशा के अलावा गुरुचरन, मंजू देवी, त्रिभुवन यादव, रेशमा बानो सहित हजारों लोग खुद के पक्के मकान के मालिक बन गए है।
छह साल में बने आवास : पीएम आवास योजना की शुरुआत वर्ष 2016-17 में हुई थी। इन छह वर्षों में ब्लाक की सभी 58 ग्राम पंचायतों में 4859 पक्के मकान बनाए गए। योजना के लाभार्थी को 1.20 लाख रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं। वहीं लाभार्थी को 90 दिन का अनिवार्य काम मनरेगा से दिया जाता है। इन लाभार्थियों को 58 करोड़ 30 लाख 80 हजार अनुदान दिया गया।
इस साल 758 का लक्ष्य : इस वित्तीय वर्ष में 758 पक्के आवास बनाने का लक्ष्य शासन ने निर्धारित किया है। बीडीओ के अनुसार 561 लाभार्थियों को आवास की प्रथम किस्त जारी कर दी गई है।
216 लाभार्थियों मिली दूसरी किस्त : वर्ष 2020-21 में 1341 आवास बनाने का लक्ष्य था। जिसमें 1125 आवास पूर्ण हो चुके हैं। वहीं 216 लाभार्थियों को द्वितीय किस्त भेजकर निर्माण कराया जा रहा है। आवास लाभार्थियों पर एक नजर वित्तीय वर्ष लाभार्थी
2016 -17 -1088 2017 -18 -504 2018 -19 - 842 2019- 20 -523 2020 -21 -1341 2021 -22 -758 जिम्मेदार के बोल
योजना के तहत सरकार का प्रयास है कि जो लोग जर्जर कच्चे आवास में रह रहे हैं, उनको पक्की छत मुहैया कराई जाए। शासन की मंशानुरूप सभी पात्र लाभार्थियों को इसका लाभ दिलाया जा रहा है। कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रहे इसका विशेष प्रयास है।
शरद कुमार श्रीवास्तव, प्रभारी बीडीओ, सिंहपुर