दावेदारों में असमंजस, फंसी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी
ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर दावेदारों की लंबी कतार निर्णय लेने को पार्टी के रहनुमा अभी नहीं तैयार
अंबेडकरनगर: पंचायत चुनाव के नतीजे आने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख पद के लिए भागदौड़ शुरू है। राजनीतिक दलों ने अभी अपना पत्ता नहीं खोला है। खैर, अभी चुनाव की तारीख भी नहीं आई है।
उधर, संभावित दावेदारों ने जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख की कुर्सी के लिए अपना चेहरा दिखाना शुरू कर दिया है। इसके लिए सदस्यों का जुगाड़ भी अंदरखाने करने लगे हैं। अपनी दावेदारी के लिए पार्टी के दिग्गजों की गणेश परिक्रमा भी शुरू कर दी है।
पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर टांडा पूर्वी उत्तरी सीट से जीतकर आए बसपा के बागी साधू वर्मा अहम दावेदारों में एक हैं। वजह, चौथी बार की जीत ने अप्रत्यक्ष तौर पर बसपा को मजबूती देने के साथ उनके रास्ते को आसान बना दिया है।
सपा में अंदरूनी घमासान के चलते अध्यक्ष पद के लिए कोई दावेदार सामने नहीं आया है। वहीं भाजपा के पास पिछड़ी जाति का इकलौता उम्मीदवार भीटी चतुर्थ से जीते अमरेंद्र पाल पहली किरण हैं। ऐसे में, फिलहाल जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर त्रिकोणीय मुकाबला नजर आता है।
अकबरपुर ब्लाक प्रमुख के लिए कांटे की दिखेगी टक्कर
अंबेडकरनगर: पिछड़ी जाति महिला के लिए आरक्षित अकबरपुर ब्लाक प्रमुख की सीट से निवर्तमान ब्लाक प्रमुख सुनीता वर्मा फिर से दावेदारी को तैयार हैं। वह जमुनीपुर वार्ड से बीडीसी निर्वाचित हुई हैं। वहीं, बनगांव द्वितीय से निर्विरोध बीडीसी बने सपा जिला उपाध्यक्ष आनंद वर्मा अपनी पत्नी देविका वर्मा को भी बनगांव तृतीय से निर्विरोध जिताकर प्रमुखी की कुर्सी के लिए दम दिखा चुके हैं।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के अतुल वर्मा की पत्नी श्रद्धा भी निर्विरोध चुनाव जीतकर पहले ही प्रमुख पद के लिए मैदान में हैं। अब ब्लाक प्रमुख बनने के लिए दावेदार हमसफर बीडीसी की तलाश में हैं। उन पर डोरे डालने के लिए बधाई से लेकर उपहार न्यौछावर कर रहे हैं।